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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सोच से आगे उत्तराखंड ने इस दिशा में कदम बढ़ाए

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सोच से आगे उत्तराखंड ने इस दिशा में कदम बढ़ाए

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सोच से आगे उत्तराखंड ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। प्रदेश के प्रत्येक जिले को एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार ने जिला निर्यात प्रोत्साहन समितियों का गठन कर दिया है।  आम बजट 2020-21 में केंद्रीय वित्त मंत्री ने निर्यात को जमीनी स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए जिले स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनाने की घोषणा की है। उत्तराखंड राज्य ने इस दिशा में पहले ही कदम रख दिए हैं। प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार ने जिले स्तर पर निर्यात की रणनीति बनाने और उत्पादों की पहचान करने के लिए समितियों का गठन करने के आदेश जारी किए हैं।समिति कृषि, उद्यान, पर्यटन, शिक्षा समेत अन्य विभागों के सहयोग से जिले स्तर पर निर्यात संवर्धन के लिए कार्य योजना बनाएगी। समिति ऐसे उत्पादों की पहचान करेगी, जिसमें निर्यात की क्षमता और संभावनाएं ज्यादा है। वहीं, ऐसे उद्योगों व व्यापारियों की पहचान भी की जाएगी, जो अन्य निर्यातकों के माध्यम से निर्यात कर रहे हैं। जिले स्तर पर लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की रणनीति भी बनाएगी जाएगी।

जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति में अध्यक्ष जिलाधिकारी और उपाध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी होंगे। इसके अलावा मुख्य कृषि अधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, अग्रणी बैंक अधिकारी, उद्यान अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक, जिला खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, क्षेत्रीय प्रबंधक सिडकुल, महानिदेशालय विदेश व्यापार मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रतिनिधि, जिला स्तरीय निर्यात संवर्धन परिषद, जिला स्तरीय औद्योगिक संगठन के दो नामित प्रतिनिधि, दो प्रमुख निर्यातक को सदस्य और जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक को समिति का संयोजक सदस्य बनाया गया।प्रदेश में सक्षम व अनुकूल विदेश व्यापार एवं निर्यात संवर्धन के लिए जिले स्तर पर एक्सपोर्ट हब का मुख्य उद्देश्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है। अभी तक किसान को यह पता नहीं होता है कि उसका उत्पाद किन-किन देशों में निर्यात हो सकता है और उसका मूल्य क्या मिलेगा। एक्सपोर्ट हब बनने से किसान के ऐसे उत्पादों की पहचान की जाएगी। जिसमें निर्यात की ज्यादा क्षमता है। इससे किसान को भी उत्पाद का अच्छी मूल्य मिल सकेगा।

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