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केदारनाथ राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आने वाले जनपद रुद्रप्रयाग व चमोली के 23 गांव व 5 चट्टियां इको सेंसिटिव जोन के दायरे में आएंगे। लेकिन केदारनाथ मंदिर को इससे बाहर रखा गया है। एनजीटी ने भारत सरकार को एक माह में इको जोन की सीमा निर्धारण के निर्देश दिए हैं। इधर, विभागीय स्तर पर इस मामले में कवायद शुरू हो गई है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि प्रभागीय क्षेत्र में 12 गांव सेंचुरी एरिया में हैं। दो दिन पूर्व एनजीटी से पत्र मिला है, जिसमें केदारनाथ राष्ट्रीय उद्यान की पर्यावरणीय सीमा का निर्धारण का आदेश दिया गया है। सेंचुरी के 12 गांवों सहित अन्य 11 और गांव ईको सेंसिटिव जोन के दायरे में आ रहे हैं। साथ ही चोपता, बनियाकुंड, पांगरबासा सहित 5 प्राचीन चट्टियां भी शामिल हैं।