भारत में ब्रिटेन से आये यात्रियों में कोरोना संक्रमण के नए वायरस की पुष्टि हुई है। भारत में पिछले कुछ सप्ताह में लौटे यात्रियों में कोरोना वायरस के नए संस्करण के लक्षण पाए गए है। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले एक डेढ़ महीने में ब्रिटेन से भारत लौटे तक़रीबन तैतीस हजार लोगो की जांच पड़ताल की जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना के वायरस के नए संस्करण में तक़रीबन बीस परिवर्तन देखे गए है। मुख्य रूप से आठ परिवर्तन स्पाइक प्रोटीन में पाये गए है। गौरतलब है, कि स्पाइक प्रोटीन ही कोरोना के संक्रमण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।हालांकि केंद्र सरकार के स्वास्थय सलाहकार प्रो. विजय राघवन ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन वायरस के नए स्ट्रेन में भी कारगर होगी।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवाओं को बहुत आधुनिक माना जाता है। परन्तु ब्रिटेन द्वारा बरती गयी लापरवाही का नतीजा आज सम्पूर्ण विश्व बिरादरी को भुगतना पड़ रहा है।ब्रिटेन ने समय रहते कोरोना के नए संस्करण से संक्रमित लोगो की सही जांच नहीं की एवं उन्हें अन्य देश की यात्रा करने की अनुमति प्रदान की। ऐसे में यह प्रश्न उठना लाजमी है, कि क्या ब्रिटेन ने बिना कोरोना जांच के संक्रमितों को यात्रा करने की अनुमति दे दी ?
कोरोना वायरस के नए संस्करण का पता सबसे पहले ब्रिटेन में लगा। वर्तमान में अब यह भारत समेत फ्रांस,स्विज़रलैंड,इटली ,स्वीडन ,जापान ,सिंगापुर सहित कई अन्य देशो में फ़ैल चुका है। भारतीय उड्डयन मंत्री ने कहा कि कोरोना के नए संस्करण के पश्चयात उत्पन्न हुए हालत अब हम सभी के सामने है। इसलिए ब्रिटेन की हवाई सेवाओं पर लगे प्रतिबन्ध को थोड़े वक्त के लिए और आगे बढ़ाना होगा।
वही दूसरी ओर ब्रिटैन ने एक और कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी हैं। ब्रिटेन ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रोजेनेका के संयुक्त उपक्रम वाली वैक्सीन को मंजूरी प्रदान कर दी है। गौरतलब है कि इससे पूर्व फ़ाइज़र नामक वैक्सीन को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है,और उसका टीकाकरण अभियान आठ दिसम्बर से प्रारंभ हो चुका है।