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सितम्बर 2019 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिहं रावत की पहल पर शुरु किया गया कुपोषित बच्चों को गोद लेने का अभियान सफल रहा है . तब 1110 बच्चे कुपोषित तथा 124 बच्चे अति कुपोषित थे। मुख्यमंत्री समेत मंत्री व नौकरशाहों ने 364 कुपोषित बच्चों को गोद लिया गया था। इसमें 21 अति कुपोषित थे। अब सभी बच्चे सामान्य अवस्था में आ चुके हैं। इसके अलावा 132 अन्य कुपोषित बच्चे भी सामान्य श्रेणी में आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा गोद ली गई बच्ची के वजन में इजाफा हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक अगले दो से तीन महीने के भीतर उसके भी कुपोषण से सामान्य श्रेणी में आने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी जिम्मेदारी लेने की पहल की गई थी। जिले में इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। गोद लिए गए सभी बच्चों के वजन में बेहतर बढ़ोतरी हो रही है।
माता-पिता को ध्यान देने की जरूरत
बच्चा अगर स्वस्थ होता है तो कहीं भी जा सकता है। उसकी प्रगति की सीमाएं अनंत होती हैं। जरूरत केवल एक बेहतर वातावरण के निर्माण की है। लेकिन इसके लिए माता-पिता को भी ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि सरकार की ओर से प्रयास नहीं किए जाते हैं लेकिन सरकार की ओर से उपलब्ध पौष्टिक आहार केवल कुपोषित बच्चों को दिया जाए तो वह और तेजी से सुपोषित हो सकते हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि कुपोषित बच्चों को मिलने वाले आहार को उनके परिजन ही खा जाते हैं। ऐसे में इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
अति कुपोषित एवं कुपोषित से सामान्य श्रेणी में आए बच्चे की संख्या इस प्रकार है
स्थान बालक बालिका योग
कालसी 13 19 32
चकराता 30 47 77
डोईवाला 27 27 54
रायपुर 11 17 28
विकासनगर 13 20 33
सहसपुर 44 61 105
शहर 77 90 167
कुल 215 281 496