वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के सामने अब मिशन-2022 की चुनौती है। इस सबको देखते हुए पार्टी कोई कसर छोडऩे के मूड में नहीं है। यही वजह है कि पार्टी को उन नेताओं व कार्यकर्त्ताओं की भी याद आई है, जो विभिन्न कारणों से पूर्व में भाजपा से छिटक गए थे। राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल की अध्यक्षता में गठित प्रदेश भाजपा की स्क्रीनिंग कमेटी विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे नेेताओं व कार्यकर्त्ताओं से एक दौर का संपर्क कर चुकी है।
चर्चा तो यह भी है कि इस दौरान कांग्रेस के कुछ नेता कमेटी के संपर्क में आए, जिन्होंने भाजपा का दामन थामने की इच्छा जताई है। कमेटी जल्द ही गुणदोष के आधार पर चयन कर इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी। पिछले विधानसभा चुनाव और फिर इसके बाद हुए निकाय, पंचायत, सहकारिता चुनावों के दौरान कई भाजपा से जुड़े कई नेताओं और कार्यकर्त्ताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बाहर की राह दिखा दी गई थी। कुछ ने स्वयं ही पार्टी को बाय-बाय कहा। इनमें कई ऐेसे हैं, जिनका क्षेत्र विशेष में ठीक-ठाक जनाधार है। इनमें कुछ पूर्व विधायक भी बताए जा रहे हैं। अब जबकि अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं तो पार्टी की नजर ऐसे नेताओं व कार्यकर्त्ताओं की तरफ भी गई है, जिन्होंने बाहर होने के बावजूद भाजपा के लिए एक शब्द तक नहीं कहा। साथ ही वे पार्टी में घर वापसी के इच्छुक भी हैं।
भाजपा ने उससे दूर हुए कार्यकत्र्ताओं की घर वापसी के मामले में सकारात्मक रुख अपनाया है। इस सिलसिले में प्रदेश भाजपा ने पिछले साल स्क्रीनिंग कमेटी गठित की, जिसके अध्यक्ष का जिम्मा राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल के पास है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक कमेटी कोटद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी के साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में एक दौर का संपर्क कर चुकी है। जो लोग संपर्क में आए उनमें कई पूर्व प्रमुख, पूर्व जिला व क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान आदि हैं। इसी दौरान कांग्रेस से जुड़े कुछ नेता भी कमेटी के संपर्क में आए हैं। सूत्रों ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार व संगठन में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होता तो संभव है कि अब तक इनमें से भाजपा से छिटके कार्यकत्र्ताओं की घर वापसी के अलावा कुछ कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो चुके होते। उधर, भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा कि जो पुराने लोग अथवा अन्य भाजपा में आना चाहते हैं वे स्क्रीनिंग कमेटी के पास आवेदन करेंगे। कमेटी गुणदोष के आधार पर चयन अपनी रिपोर्ट सौंपगी और फिर फिर प्रदेश अध्यक्ष इस बारे में फैसला लेंगे।