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मनरेगा अब गांवों में रोजगार के साथ आजीवन स्वरोजगार के संसाधन भी देगी। इसके लिए विभिन्न गांवों में मत्स्य तालाब निर्माण, गोशाला निर्माण सहित तमाम विकास कार्य हो रहे हैं। मत्स्य पालन के लिए डीडीहाट के भनड़ा गांव का चयन किया गया है। इस गांव में मत्स्य पालन के लिए 20 तालाब बनाए जाएंगे। इनमें से पांच तालाब बन चुके हैं।महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पहले रास्ते, सुरक्षा दीवारों, गूलों आदि का निर्माण होता था। अब सरकार ने इन कार्यों के अलावा स्वरोजगार उपलब्ध कराने वाले संसाधनों पर भी काम करना शुरू कर दिया है।
इसके तहत मत्स्य तालाब, गोशाला निर्माण, मुर्गी फार्म बनाना आदि शामिल हैं।डीडीहाट विकासखंड में मनरेगा से भनड़ा गांव को मत्स्य पालन के लिए चयनित किया गया है। विशेष प्रोजेक्ट के तहत गांव में 20 तालाब प्रस्तावित हैं। इनमें से पांच मत्स्य तालाब बन चुके हैं। इन तालाबों में मछली के बीज डाल दिए गए हैं। पांच तालाबों में काम चल रहा है, जबकि 10 तालाबों को अगले वित्तीय वर्ष में बनाया जाएगा। एक मछली तालाब के निर्माण में मनरेगा के तहत एक लाख रुपये की राशि खर्च होगी। इन मत्स्य तालाबों के निर्माण से जहां ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है, वहीं निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 20 परिवारों को सीधे स्वरोजगार मिलने लगेगा।