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उत्तर कोरिया ने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों के मसले पर अमेरिका को चेतावनी दी है। उसने कहा है कि हमारा धैर्य जवाब दे रहा हैए इसलिए अमेरिका ने बातचीत के लिए सही कूटनीतिक प्रक्रिया अपनाए। उत्तर कोरिया का यह बयान हनोई शिखर सम्मेलन के विफल होने के बाद आया है। इस सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई थी।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को अपने आकलन का तरीका बदलना चाहिए ताकि किम जोंग उन पिछले वर्ष जून में हुई पहली मुलाकात के समझौते को बरकरार रख सकें। अमेरिका को पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच रिश्तों में आए बदलाव को देखते हुए अपनी नीतियों पर फैसला करना चाहिएए काफी देर हो जानंे से पहले क्योंकि धैर्य की भी एक सीमा होती है।
कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तानाशाह किम जोंग उन की पहली मुलाकात सिंगापुर में हुई थी। तकरीबन 90 मिनट चली मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच 38 मिनट व्यक्तिगत बातचीत हुई। दावा किया जाता है कि इस बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरियाई नेता किम को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए मना लिया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया। हालांकि उसके द्वारा हथियारों का परीक्षण जारी है।
उत्तर कोरिया ने अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों के मसले पर अमेरिका को चेतावनी दी है। उसने कहा है कि हमारा धैर्य जवाब दे रहा है, इसलिए अमेरिका ने बातचीत के लिए सही कूटनीतिक प्रक्रिया अपनाए। उत्तर कोरिया का यह बयान हनोई शिखर सम्मेलन के विफल होने के बाद आया है। इस सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई थी।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को अपने आकलन का तरीका बदलना चाहिए ताकि किम जोंग उन पिछले वर्ष जून में हुई पहली मुलाकात के समझौते को बरकरार रख सकें। अमेरिका को पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच रिश्तों में आए बदलाव को देखते हुए अपनी नीतियों पर फैसला करना चाहिए, काफी देर हो tkuas ls igys क्योंकि धैर्य की भी एक सीमा होती है।
कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तानाशाह किम जोंग उन की पहली मुलाकात सिंगापुर में हुई थी। तकरीबन 90 मिनट चली मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच 38 मिनट तक बातचीत हुई। दावा किया जाता है कि इस बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर कोरियाई नेता किम को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए मना लिया था। इसके बाद उत्तर कोरिया ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया। हालांकि उसके द्वारा हथियारों का परीक्षण जारी है।