आपदा में गौरीकुंड हाइवे रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक कई स्थानों पर पूरी तरह बह गया था। अब इसे आलवेदर रोड के तहत बनाया जा रहा है। इसके लिए कङ्क्षटग का कार्य पूरा हो चुका है। केदारपुरी में यात्रियों के ठहरने को पर्याप्त व्यवस्थाएं जुटाई गई हैं। अब यहां सात हजार यात्री रह सकते हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग भी पहले के मुकाबले काफी अच्छा एवं सुरक्षित हो गया है। इसके लिए तीन से चार मीटर चौड़े इस मार्ग पर रेलिंग लगाई गई हैं। मार्ग पर लिनचोली, छोटी लिनचोली, रुद्रा प्वाइंट समेत कई पड़ाव विकसित कर यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।आपदा के बाद केदारनाथ के लिए हेली सेवा का क्रेज काफी बढ़ा है। इसी के मद्देनजर सरकार की ओर से हर साल हेली सेवा संचालित करने वाली 13 कंपनियों को उड़ान भरने की अनुमति दी जाती है। स्थिति यह है कि कुल यात्रा का दस से 15 फीसद यात्री हेली सेवा से केदारनाथ दर्शनों को पहुंचते हैं।