Uttarakhand online news
केदारनाथ धाम में 2100 रुपये की पर्ची कटाकर आम श्रद्धालुओं के वीआइपी दर्शनों पर रोक लगा दी गई। पुलिस की ओर से यह कदम आम यात्रियों के वीआइपी दर्शनों को लेकर हुए विरोध के बाद उठाया गया। इसके चलते रविवार को चार घंटे तक किसी भी प्रकार के वीआइपी दर्शन नहीं हो सकेए लेकिन आगे से इस रोक का असर सिर्फ आम यात्रियों के वीआइपी दर्शनों पर ही पड़ेगा। प्रोटोकाल के तहत और हेली सेवाओं से आने वाले यात्री इससे प्रभावित नहीं होंगे।
केदारनाथ यात्रा इन दिनों पूरे शबाब पर है। दर्शनों के लिए मध्यरात्रि के बाद दो बजे से यात्रियों की लाइन लग जा रही है। तब जाकर घंटों बाद नंबर आ रहा है। इसके रोजाना एक से डेढ़ हजार आम यात्री श्री बदरीनाथ.केदारनाथ मंदिर समिति से 2100 रुपये की पर्ची कटवाकर वीआइपी दर्शनों का लाभ ले रहे हैं। इस व्यवस्था का पिछले कई दिनों से यात्री विरोध कर रहे थे।
रविवार को तो विरोध इस कदर बढ़ गया कि पुलिस ने दोपहर एक बजे से पांच बजे तक वीआइपी दर्शन पूरी तरह रोक दिए। पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि केदारनाथ में मंदिर समिति की ओर से 2100 रुपये की पर्ची कटवाकर जो वीआइपी दर्शन कराए जाते थे, उन पर आगे से पूरी तरह रोक लगा दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन यात्रियों का सत्यापन पुलिस क्षेत्राधिकारी केदारनाथ करेंगेए उनके लिए वीआइपी दर्शनों पर रोक नहीं है। इन यात्रियों में प्रोटोकाल के तहत और हेली सेवाओं से आने वाले यात्री शामिल हैं।
मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि मंदिर समिति की ओर से बुजर्गए विकलांग और जो यात्री लाइन मे खड़े नहीं हो सकतेए सिर्फ उनके लिए ही 2100 रुपये की पर्ची कटवाकर दर्शनों की व्यवस्था की गई थी। इस संबंध में पुलिस प्रशासन के तात्कालिक निर्णय से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
केदारनाथ में यात्रियों की भारी आमद को देखते हुए कपाट खुलने के समय से शुरू की गई टोकन व्यवस्था भी बंद हो गई है। यह व्यवस्था यात्रियों की सहूलियत के लिए लागू की गई थी, ताकि यात्रियों को कड़ाके की ठंड में लाइन मे खड़ा न होना पड़े। एसपी का कहना है कि टोकन व्यवस्था यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए फौरी तौर पर बंद की गई है। दस जून से व्यवस्था दोबारा शुरू कर दी जाएगी।
दूर से ही होंगे ज्योतिर्लिग के दर्शन
केदारनाथ मंदिर में भक्त अब दूर से ही स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर पाएंगे। यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। विदित हो कि अभी तक भक्त ज्योतिर्लिग के दर्शनों के साथ ही उसकी परिक्रमा और स्पर्श भी करते थे। लेकिनए नई व्यवस्था में ऐसा संभव नहीं होगा