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प्रदेश में एक ही कैंपस या आसपास संचालित हो रहे छह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) का आपस में विलय किया जाएगा। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। विलय होने वाली आइटीआइ के अनुदेशक उन्हीं आइटीआइ में समायोजित किए जाएंगे। साथ ही प्रधानाचार्यों को दूसरी आइटीआइ में रिक्त पदों पर भेजा जाएगा।
वर्तमान में प्रदेश में नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीबीटी) की ओर से 93 आइटीआइ संचालित हो रहे हैं। इनमें से करीब 55 फीसद आइटीआइ में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। इसके अलावा कुछ ही दूरी पर दूसरी आइटीआइ खोले जाने से कई संस्थानों में छात्रों की संख्या भी काफी कम है। इसके चलते ऐसी आइटीआइ का आपस में विलय करने की योजना बनाई गई है।
प्रशिक्षण विभाग के निदेशक डॉ. अहमद इकबाल ने बताया कि अपेक्षाकृत छोटी आइटीआइ का समीप की बड़ी आइटीआइ में विलय करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला बीते दिनों कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। शासन स्तर पर प्रयास है कि आइटीआइ में युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए ताकि उन्हें आसानी से रोजगार मिल सके।
महिला आइटीआइ काशीपुर का पुरुष आइटीआइ काशीपुर में, आइटीआइ बौराड़ी का आइटीआइ टिहरी में, महिला आइटीआइ हल्द्वानी का पुरुष आइटीआइ हल्द्वानी में, महिला आइटीआइ सितारगंज का आइटीआइ सितारगंज में, श्रीनगर के लोअर बाजार में स्थित आइटीआइ का श्रीनगर आइटीआइ में और आइटीआइ अस्कोट का आइटीआइ धारचूला में विलय किया जा रहा है।