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दून घाटी में उद्योगों के लिए नया सवेरा, बिना झंझट लगेंगे उद्योग

दून घाटी में उद्योगों के लिए नया सवेरा, बिना झंझट लगेंगे उद्योग

उद्यमियों की मानें तो दून घाटी में उद्योगों के लिए नया सवेरा हुआ है। उद्योगों के लिए लागू दून वैली नोटिफिकेशन में करीब तीस साल बाद हुए बदलाव के कारण यह नया सवेरा हुआ है। यहां अब लाल, नारंगी और हरे वर्ग के साथ ही सफेद वर्ग में भी उद्योग लग सकेंगे। खास बात यह है कि सफेद वर्ग में लगने वाले उद्योगों को कारोबार बढ़ाने की खुली छूट होगी और इन्हें पर्यावरण सहित अन्य एनओसी भी नहीं लेनी होगी।

दून वैली नोटिफिकेशन में केंद्र सरकार ने यह बदलाव छह जनवरी का किया। मंगलवार को उद्योगों को इसकी भनक लगी तो सारा माहौल ही बदल गया। उद्यमियों के मुताबिक, दून वैली नोटिफिकेशन को सिर्फ देहरादून घाटी के लिए 1989 में जारी किया था और इसमें पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए कई तरह के प्रतिबंध थे।

मसलन फैक्ट्री में 100 से अधिक एक भी कर्मचारी होता था तो उद्योग हरित वर्ग से निकल कर नारंगी वर्ग में शामिल हो जाता था। नारंगी वर्ग में प्रतिबंध और भी कड़े थे। केंद्र सरकार ने यह वर्गीकरण का मानक ही खत्म कर दिया है और एक नया सफेद वर्ग जोड़ दिया है। इस बदलाव से उद्यमियों के साथ ही प्रदेश सरकार को भी राहत महसूस होगी। राज्य सरकार ने दो बार बदलाव का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।

सफेद वर्ग में 36 तरह के उद्योग शामिल किए जा सकते हैं। इनमें पैकेजिंग, सौर ऊर्जा (25 मेगावाट से कम), विद्युत और इलेक्ट्रानिक उपकरण, जैविक खाद एवं कीटनाशक, पाउडर दूध की पैकिं ग, बल्ब एवं सीएफएल निर्माण, चाय की पैकेजिंग, एअर कूलर आदि की पैकेजिंग और एसेंबली आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।ये उद्योग पहले हरित श्रेणी में शामिल थे और इन्हें हर साल पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी होती थी। उद्यमियों के मुताबिक दून घाटी में ही करीब 400 ऐसे उद्योग हैं जिनको इसका सीधा फायदा होगा।
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