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भारत करेगा चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास- वर्ष 2020 में

भारत करेगा चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास- वर्ष 2020 में

इसरो से जुड़े सूत्रों के मुताबित कहा जा रहा है कि भारत अगले साल नवंबर तक चंद्रमा पर दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा. भारत नवंबर 2020 में चंद्रमा पर दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा. यह जानकारी इसरो से जुड़े सूत्रों ने दी है. जानकारी के मुताबिक इसरो ने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक एस. सोमनाथ की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है, एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘पैनल की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. समिति को अगले साल के अंत से पहले मिशन तैयार करने के लिए एक दिशा-निर्देश दिया गया है.’कुछ समय पहले ही इसरो प्रमुख ने कहा था कि चंद्रयान-दो के साथ चंद्रमा पर फतह हासिल करने की देश की कोशिशों की दास्तान खत्म नहीं हो गयी हैं और अंतरिक्ष एजेंसी निकट भविष्य में सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगी.

 दिल्ली के स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेते वक्त सिवन ने कहा था कि आने वाले महीनों में कई उन्नत उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे.सिवन ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा था, ‘आप सबने चंद्रयान-दो मिशन के बारे में सुना है. प्रौद्योगिकी के लिहाज से हम सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाब नहीं हो पाए लेकिन चंद्रमा की सतह से 300 मीटर तक सभी सिस्टम चलता रहा.’उन्होंने कहा, ‘चीजें सही करने के लिए अत्यंत मूल्यवान डेटा उपलब्ध हैं. मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि इसरो चीजों को सही करने और निकट भविष्य में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अपने सारे अनुभव, ज्ञान और तकनीकी कौशल का इस्तेमाल करेगा.’

सिवन से जब पूछा गया कि क्या भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में लैंडिंग का फिर से प्रयास करेगा, तो उन्होंने कहा, ‘‘चंद्रयान-दो कहानी का अंत नहीं है. आदित्य एल-1 सौर मिशन, इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के कार्यक्रम पर काम चल रहा है. आने वाले समयो में और कई उन्नत उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे.’उन्होंने कहा था कि दिसंबर या जनवरी में छोटा उपग्रह प्रक्षेपण यान छोड़ा जाएगा. आगे और भी अंतरिक्ष अनुसंधान कामो को सुरु किया जाएगा.

 

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