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कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से रोजमर्रा की आवश्यक सेवाएं धीमी ; रसोई गैस सिलिंडर की होम डिलीवरी भी प्रभावित

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से रोजमर्रा की आवश्यक सेवाएं धीमी ; रसोई गैस सिलिंडर की होम डिलीवरी भी प्रभावित

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से रोजमर्रा की आवश्यक सेवाएं धीमी पड़ने लगी हैं। गैस एजेंसियों के डिलीवरी ब्वॉय समेत अन्य स्टाफ के कोरोना संक्रमण की जद में आने से रसोई गैस सिलिंडर की होम डिलीवरी भी प्रभावित हो रही है। इससे देहरादून शहर की गैस एजेंसियों में ही 15000 हजार सिलिंडर का बैकलॉग हो गया है। जो रोजाना बढ़ता जा रहा है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में स्थिति और खराब हो सकती है।

शहर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आइओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसी) की मिलाकर कुल 45 गैस एजेंसियां हैं। हर एजेंसी में औसतन 12 लोग का स्टाफ है। इसमें ज्यादातर डिलीवरी ब्वॉय हैं। दून एलपीजी एसोसिएशन के अध्यक्ष चमन लाल ने बताया कि मौजूदा समय में गैस एजेंसियों का 25 फीसद स्टाफ संक्रमण की जद में है। चार गैस एजेंसी तो ऐसी हैं, जहां पूरा स्टाफ और मालिक तक संक्रमित हैं। इससे काम पर तो प्रभाव पड़ ही रहा है, स्वस्थ कर्मचारी भी काम पर आने से डर रहे हैं।

इस कारण बुकिंग के सापेक्ष 40 से 80 फीसद गैस सिलिंडरों की होम डिलीवरी ही हो पा रही है। होम डिलीवरी पर रोक की नौबत: पटेलनगर स्थित चुग गैस एजेंसी के संचालक वीरेश मित्तल ने कहा कि कंपनियों को पत्र लिखकर एजेंसियों के पूरे स्टाफ का टीकाकरण करवाने, सैनिटाइजर, मास्क, पीपीई किट समेत अन्य सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने और सभी का 50 लाख रुपये का बीमा कराने की मांग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जल्द यह मांग पूरी नहीं हुई तो रसोई गैस सिलिंडर की होम डिलिवरी रोक दी जाएगी। उन्होंने जिला आपूर्ति अधिकारी और जिलाधिकारी को इस बाबत पत्र प्रेषित कर गोदाम और एजेंसियों में सिलिंडर वितरण के लिए व्यवस्था बनाने की मांग की है।

लक्खीबाग स्थित एचपीसी की गैस एजेंसी के संचालक अनुराग जैन ने बताया, कई दिन से डिलीवरी ब्वॉय शिकायत कर रहे हैं कि उन पर उपभोक्ता बिल्डिंग की तीसरी-चौथी मंजिल तक अकेले सिलिंडर पहुंचाने के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसा नहीं करने पर उनके साथ दुर्व्‍यवहार किया जा रहा है। इस कारण पहले जिस सिलिंडर की डिलीवरी में पांच मिनट लगते थे, अब उसमें 15 से 20 मिनट खर्च हो रहे हैं। इससे डिलीवरी की संख्या भी घट रही है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से डिलीवरी ब्वॉय के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करने और सहयोग करने की अपील की है।

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