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हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 10 जून तक प्रदेश में प्रदूषण फैलाने वाली सभी फैक्ट्रियों की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 13 जून की नियत की है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खण्डपीठ में उधमसिंह नगर निवासी हिमांशु चंदोला की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। पूर्व में कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से उत्तराखंड के सभी फैक्ट्रियों की सूची सील बन्द लिफाफे में पेश करने को कहा था। जिस पर बोर्ड ने सूची पेश की। बोर्ड ने प्रदेश के 323 फैक्ट्रियों को रेड जोन वाली (जो फैक्ट्रियां प्रदूषण बोर्ड के मानको को पूरा नहीं करती हैं) घोषित किया था।
बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि 17 फैक्ट्रियों को बन्द करने के नोटिस दे दिए हैं। 323 में से 150 फैक्ट्रियों की जांच पूरी कर ली है, शेष बची फैक्ट्रियों की जांच पूरी कर 10 जून को रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जायेगी। पूर्व में बोर्ड ने मानकों को पूरा नहीं करने वाली फैक्ट्रियों को बन्द कराने के लिए सम्बंधित विभागों का सहयोग नहीं मिलने की शिकायत भी की थी। जिसे कोर्ट ने आदेश की अवमानना भी माना था।
ऊधमसिंह नगर निवासी हिमांशु चंदोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ऊधमसिंह नगर में लगभग 27, 28 इंडस्ट्रीज ऐसी है जिनके द्वारा वायु व जल प्रदूषण किया जा रहा है। जिससें कई लोगों की हैपैटाइटिस से मौत भी हो गई है। याचिका में कहा कि वहां की कृषि भूमि खेती लायक भी नहीं रह गई है। वहां का सारा पानी खेतों व नदियों में बहाया जा रहा है, जिससे वहां की नदी भी दूषित हो रहा है।