Uttarakhand online news
वर्ष 1971 के युद्ध के शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए स्वर्णिम विजय मशाल रामनगर पहुंची। इस दौरान सैन्य अधिकारियों द्वारा शहीदों के चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी गई। कुछ देर के लिए माहौल भावुक हो गया।16 दिसंबर को दिल्ली स्थित नेशनल वार मेमोरियल में भारत पाकिस्तान युद्ध की ऐतिहासिक जीत की 50 वीं वर्षगांठ पर 1971 की जंग के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वर्णिम विजय मशाल को रवाना किया था। देश के विभिन्न जगह से होते हुए मशाल गुरुवार को रामनगर पहुंची। मशाल पहले गैस गोदाम में रहने वाले शहीद मनीराम शर्मा व ग्राम कानिया निवासी लीलाम्बर पांडे के घर पहुंची।
भारत माता की जय के नारों व देशभक्ति की बजती धुनों से माहौल गमगीन हो गया। इस दौरान स्वर्णिम मशाल व शहीदों के चित्रों पर सैन्य अधिकारियों ने पुष्प अर्पित किये। शहीद लीलाम्बर की वीरांगना मुन्नी देवी व मनीराम शर्मा की वीरांगना किशोरी देवी को सैन्य अधिकारियों ने सम्मानित किया। दोनों वीरांगनाओं ने अपने पति के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।पति की तस्वीर को देखकर वह भावुक हो गई। इसके बाद हल्द्वानी से मशाल के साथ आये सैन्य अधिकारियों ने शहीदों को सलामी दी। सैन्य अधिकारियों ने वीरांगनाओं व उनके परिवार के लोगों से कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान सूचना नहीं मिलने से पुलिस प्रशासन के अधिकारी नहीं आ पाए।