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नौकरी का झांसा देकर वेश्यावृत्ति कराने के मामले में मां बेटे को अदालत ने दोषी करार दिया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अनैतिक देह व्यापार से जुड़े इस मामले में सजा के लिए बुधवार तक अपना फैसला रख लिया है। अब इस मामले में बुधवार को सुनाई जाएगी सजा
28 मार्च 2018 को कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर देहरादून रोड पर एक होटल के समीप स्विफ्ट कार (यूके07बीएल 2310) को रोका था। इसमें मां बेटा सहित दो लड़कियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
पकड़ी गई लड़कियां मूल रूप से पश्चिम बंगाल, हाल निवासी दिल्ली की थीं। उनका आरोप था कि मां बेटों ने उन्हें अपने यहां नौकरी देने की बात कही । उनके झांसे में आकर वह दोनों दिल्ली से देहरादून चली आईं थी।
उनका आरोप था कि यहां उन्हें हरिद्वारए ऋषिकेश और देहरादून में ग्राहकों के पास भेजा जाता था और देह व्यापार कराया जाता था। इसी क्रम में दोनों मां और बेटे उन्हें 28 मार्च 2018 को ऋषिकेश में ग्राहक के पास लाए ए लेकिन ग्राहक से रुपयों को लेकर बात न बनने पर वापस देहरादून लौट रहे थे।
इस मामले में पुलिस ने दोनों लड़कियों को गवाह बनाकर मां और बेटे के खिलाफ वेश्यावृत्ति कराने तथा अनैतिक देह व्यापार के आरोप में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
मंगलवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा की अदालत ने आरोपी ऋषभ पुत्र स्व. आदर्श कुमार और उसकी माता मंजू पत्नी स्व. आदर्श कुमार, निवासी 315 रामनगरए लक्खीबाग थाना कोतवाली नगर देहरादून को नौकरी का झांसा देकर वेश्यावृत्ति कराने तथा अनैतिक देह व्यापार का दोषी माना।