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उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा से जुड़े प्रकरण में विवि के चार और अफसर विजिलेंस जांच में फंस गए हैं। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन से विजिलेंस ने अनुमति मांगी है। यह सभी विवि में हुई करोड़ों की खरीदारी वाली समिति के पदाधिकारी थे। विजिलेंस ने इनके बयान दर्ज कर लिए हैं।
विवि में हुए कई घोटालों और वित्तीय अनियमितताओं की जांच जारी है। करीब एक करोड़ की खरीदारी में जेल गए मृत्युंजय मिश्रा और उनके सहयोगियों के बाद अब विवि के अधिकारी और कर्मचारी भी विजिलेंस की राडार पर आ गए हैं। खासकर मिश्रा प्रकरण से जुड़ी खरीदारी में परचेजिंग कमेटी में शामिल रहे चार अधिकारियों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
विजिलेंस जांच में इनकी भूमिका पुख्ता हो गई है। इस संबंध में कमेटी के सभी सदस्यों और पदाधिकारियों के बयान भी विजिलेंस दर्ज कर चुकी है। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी होने के नाते, इनके नाम मुकदमे में शामिल करने और चार्जशीट लगाने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।
विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि वित्त, एचओडी और प्रोफेसर रैंक के ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कुछ दिन पहले ही शासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही इनके खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।