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जिन गांव में जाने वाले हर बाशिंदे को पहले सेना की सघन चेकिंग से गुजरना पड़ता था, अब वह बिना किसी झंझट के सीधे अपने घर पहुंच सकेंगे। क्लेमेंटटाउन कैंट क्षेत्र से जुड़े ऐसे चार गांवों की करीब 15 हजार की आबादी को बड़ी राहत मिलने जा रही है। इनके लिए सरकार जंगल के बीचोंबीच से रास्ता तैयार करने की अनुमति दे दी है। क्लेमेंटटाउन के आसपास इंद्रपुरी फार्म, रामगढ़, दूधा देवी, बड़कली गांव तक पहुंचना किसी सुरक्षित संस्थान तक पहुंचने के माफिक बहुत टेढ़ा काम है। गांव के हर बाशिंदे का पूरा रिकॉर्ड लेकर सेना ने हर ग्रामीण को टोकन दिया हुआ है। गांव में कोई मेहमान आता है तो ग्रामीणों को पहले से सेना के बैरियर पर सूचना देनी पड़ती है।कोई बारात आने वाली होती है तब भी पूरी जानकारी सेना को देनी होती है।
इसके बाद ही सेना सघन चेकिंग के बाद आगे जाने देती है। दरअसल, इसकी वजह यह है कि इन गांवों तक पहुंचने का रास्ता सैन्य क्षेत्र से होकर गुजरता है। ग्रामीण लगातार इस समस्या से निजात की मांग कर रहे थे। इस संबंध में उन्होंने क्षेत्रीय विधायक विनोद चमोली से मांग की तो पता चला कि आशारोड़ी से रामगढ़ रेंज तक पहुंचने के लिए जो कच्चा रास्ता है, उसे ही पक्की सड़क के तौर पर तैयार किया जाए।इस सड़क का निर्माण करने में करीब एक करोड़ की लागत आएगी। लिहाजा, मामला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक पहुंचा। मुख्यमंत्री ने अब इस सड़क को पक्की करने की हरी झंडी दे दी है। वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह सड़क निर्माण का काम शुरू करें। सांसद प्रतिनिधि महेश पांडे ने बताया कि जल्द ही सड़क निर्माण शुरू होगा।