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बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार का कैबिनेट विस्तार होगा। जिसमे राजभवन से जारी कार्ड के अनुसार राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 11 बजे नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी. 2017 में उप्र की सत्ता में आने के बाद यह पहला कैबिनेट विस्तार है। पांच मंत्रियों के इस्तीफे के बाद सरकार में 20 कैबिनेट, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 13 राज्यमंत्री हैं। मंत्रिमंडल में अभी 18 और मंत्री शामिल हो सकते हैं. राजनीति विश्लेषकों को मानना है कि भाजपा 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से टीम तैयार करने में जुट गई है।
5 मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर
सोमवार को योगी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार पहले प्रस्तावित था, लेकिन उसे ऐन मौके पर टाल दिया गया. सूत्रों के अनुसार, राजभवन को सभी शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची भेज दी गई है. कुछ मंत्रियों की छुट्टी होनी तय है, तो शपथ के बाद कई मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं. कैबिनेट विस्तार से पहले मंगलवार को कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल, धर्मपाल सिंह, अर्चना पांडे और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी के इस्तीफों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूर कर लिया है.
इन चेहरों को मिलेगी जगह!
करीब 15 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. मुजफ्फरनगर से विधायक कपिल देव अग्रवाल, बुलंदशहर की शिकारपुर सीट से विधायक अनिल शर्मा, फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से उदय भान सिंह, पूर्वांचल के सतीश द्विवेदी के नाम मंत्री पद की रेस में सबसे आगे हैं. दल बहादुर कोरी, जीएस धर्मेश को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. एमएलसी अशोक कटारिया का भी मंत्री बनना तय माना जा रहा है. उपेंद्र तिवारी, महेंद्र सिंह, अनिल राजभर, सुरेश राणा, मोहसिन रज़ा सहित आधे दर्जन मंत्रियों का प्रमोशन भी हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, जातीय समीकरण के चलते भले कुछ मंत्रियों की छुट्टी नहीं हो, लेकिन उनके विभाग जरूर बदले जाएंगे. गंभीर शिकायतों के चलते कुछ मंत्रियों की कुर्सी जानी भी तय है. सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं रीता बहुगुणा जोशी ने इलाहाबाद से, सत्यदेव पचौरी ने कानपुर से और एस.पी. सिंह बघेल ने आगरा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पहले ही मंत्री पद छोड़ दिया था. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी योगी मंत्रिमंडल से पहले ही बाहर हो चुके हैं.
सूत्रों के मुताबिक पांच गुर्जर MLA और MLC होने के बावजूद किसी को मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन इस बार सामाजिक समीकरण साधने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुर्जर समुदाय से किसी चेहरे को मंत्री बना सकते हैं. इनमें बिजनौर के एमएलसी अशोक कटारिया का नाम सबसे पहले लिया जा रहा है. मेरठ से भी किसी एक को मंत्री पद दिया जा सकता है. फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से विधायक उदयभान सिंह को एसपी बघेल की जगह मंत्री बनाने की संभावना है.