2022 जल्द दस्तक देने को तैयार है तो शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय पीछे कैसे रह सकते हैं। फाइलों की धूल झाड़-पोंछ कर फीस एक्ट के मसौदे को हवा दिखाई जा रही है। उन्होंने प्रस्तावित फीस एक्ट के मुख्य हथियार की झलक दिखा दी। निजी स्कूलों की फीस को लेकर मनमानी पर प्रहार करने को एक्ट में शुल्क नियामक आयोग के गठन का प्रस्ताव है। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला जज या हाईकोर्ट के जज होंगे। अर्द्ध न्यायिक संस्था के रूप में आयोग का प्रस्ताव हलचल मचाने के लिए काफी है। दरअसल, फीस एक्ट के प्रबल पैरोकार अभिभावक संघ सख्त कानूनी प्रविधानों के पक्षधर हैं। बकौल शिक्षा मंत्री निजी स्कूल सरकार के निर्देशों को ही धता बता रहे हैं। ऐसे में कानूनी शिकंजा जरूरी है। ये एक्ट मंत्रीजी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। चुनावी साल में यह परवान चढ़ता है या नहीं, देखने वाली बात होगी। फिलहाल मंत्रीजी पुशअप जारी रखे हैं।
गढ़वाल मंडल के श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र की सभी 205 ग्राम पंचायतों में तीन महीने के भीतर दो लाख से ज्यादा पुस्तकें पहुंचने जा रही हैं। ये पुस्तकें प्रतियोगी परीक्षाओं, कृषि, बागवानी और महिलाओं से संबंधित होंगी। यह कवायद अंजाम तक पहुंची तो पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं को अपना भविष्य गढ़ने में बड़ी मदद मिलेगी। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धन सिंह रावत ने उनके विधानसभा क्षेत्र के लिए यह संकल्प लिया है। सार्वजनिक पुस्तकालय बनाने के लक्ष्य को समयबद्ध पूरा करने को मंत्रीजी ने विधायक निधि से एक करोड़ की राशि जारी कर दी है। इससे पहले उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में ही स्कूलों में फर्नीचर मुहैया कराने को लेकर भी पहल की थी। प्राइमरी स्कूलों से लेकर इंटर कालेजों में 24 हजार छात्र-छात्राओं को फर्नीचर मुहैया कराया जा चुका है। पुस्तकालय खोलने के कार्य में स्थानीय व्यक्तियों को भी जोड़ा गया है, ताकि सियासी संदेश भी प्रसारित हो।
उत्तराखंड में चुनावी साल में शिक्षा के बूते नैया पार लगाने की हसरत है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और उनके आफिस को भरोसा है कि राज्य में नौनिहालों के चमकते भविष्य की उम्मीदें परवान चढ़ीं तो जनता भी सत्तारूढ़ दल को नाउम्मीदी हाथ नहीं लगने देगी। लिहाजा अब 11वीं की छात्राओं को टैबलेट देने की तैयारी की जा रही है। 37 हजार से ज्यादा छात्राओं को राज्य स्थापना दिवस यानी नौ नवंबर के मौके पर टैबलेट दिए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री की रुचि देखते हुए तेजी से प्रस्ताव बनाया जा रहा है। शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को टैबलेट के लिए बजट के बंदोबस्त को प्रस्ताव मांगा है। अनुपूरक बजट में इसके लिए व्यवस्था की जाएगी। बालिका शिक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीर्ष एजेंडे में होने के कारण सरकार अलर्ट मोड में है। तीरथ सरकार इससे पहले साढ़े सोलह हजार सरकारी स्कूलों को चमकाने के आदेश भी दे चुकी है।