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नहीं रहे प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार मंगलेश डबराल

नहीं रहे प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार मंगलेश डबराल

पत्रकारिता और साहित्य जगत के लिए दुखद खबर आई है। जनसत्ता के साहित्यक संपादक और कवि मंगलेश डबराल कोरोना संक्रमण से जिंदगी की जंग हार गए। वे अब हमारे बीच नहीं रहे। समकालीन हिंदी साहित्य के चर्चित कवि मंगलेश डबराल का कोरोना संक्रमण से दिल्ली के एम्स में मंगलवार की सांय 72 वर्ष की उम्र में दुखद निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से  साहित्य जगत में शोक की लहर है। गौरतलब है कि विगत दो सप्ताह पूर्व उन्हें कोरोना  संक्रमण से पीड़ित होने के बाद ‘ली क्रेस्ट प्राइवेट हस्पताल सैक्टर 4, वसुंधरा, गाजियाबाद’ में भर्ती कराया गया था। सुधार न होने, हालात बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के ‘एम्स’ में इलाज हेतु भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

अत्याचारी के निर्दोष होने के कई प्रमाण हैं
उसके नाखून या दांत लंबे नहीं होते हैं
आंखें लाल नहीं रहतीं
बल्कि वह मुस्कराता रहता है
अक्सर अपने घर आमंत्रित करता है
और हमारी ओर अपना कोमल हाथ बढ़ाता है
उसे घोर आश्चर्य है कि लोग उससे डरते हैं।

अत्याचारी के घर पुरानी तलवारें और बंदूकें
सिर्फ सजावट के लिए रखी हुई हैं
उसका तहखाना एक प्यारी सी जगह है
जहां श्रेष्ठ कलाकृतियों के आसपास तैरते
उम्दा संगीत के बीच
जो सुरक्षा महसूस होती है वह बाहर कहीं नहीं है

अत्याचारी इन दिनों खूब लोकप्रिय है
कई मरे हुए लोग भी उसके घर आते-जाते हैं।

-मंगलेश 
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