चुनाव व उपचुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। भाजपा ने चिंतन बैठक में जीत को लेकर मंथन किया तो कांग्रेसी विधायक व बड़े नेता दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष के चयन के साथ चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। नेता प्रतिपक्ष पर फैसले को लेकर असमंजस की स्थिति है। लेकिन अब निर्णय हाईकमान द्वारा करने से जल्द तस्वीर साफ हो जाएगी। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के सबसे बड़े नाम व पूर्व सीएम हरीश रावत श्रीनगर में ककड़ी-रायता पार्टी व अल्मोड़ा में हरेला प्रतियोगिता के जरिये चुनावी मैदान में कांग्रेस की पिच मजबूत करने में जुटे हैं। रायता, आम और नींबू पार्टी के जरिये हरदा पूर्व में भी कांग्रेस को एकजुट कर चुके हैं।पूर्व सीएम हरीश रावत पहाड़ व्यंजन व स्थानीय उत्पादों से लगाव के लिए भी जाने जाते हैं। मडुवा, गहत, नींबू, ककड़ी समेत अन्य चीजों की ब्रांडिंग वह अक्सर करते हैं। वहीं, पर्वतीय व्यंजनों की ब्रांडिंग के बहाने होने वाली दावतें सियासी मिठास भी घोलती है।
इसलिए हल्द्वानी से देहरादून तक पूर्व में हुई पार्टी खासा चर्चाओं में रही। वहीं, विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में हरदा की अहम भूमिका रहेगी। संभावना है कि वही नेतृत्व लीड करेंगे। इस बीच अल्मोड़ा में स्व. दानी देवी मैमोरियल प्रतियोगिता व श्रीनगर में ककड़ी-रायता पार्टी की घोषणा कर वह चुनावी बिगुल फूंक सकते हैं।प्रदेश की राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि हरदा की हर बात व कार्यक्रम के अलग मायने होते हैं। पूर्व सीएम ने फेसबुक पर लिखा कि आयोजन का भार उन साथियों को दूंगा जो कि चुनाव नहीं लड़ रहे। बल्कि सांस्कृतिक उत्तराखंड व जैविक उत्तराखंड के निर्माण के लिए समर्पित है। वहीं, बेटे आनंद रावत को इन कार्यक्रमों का प्रधान संयोजक बनाया है। अन्य लोगों को भी इसमें जोड़ा जाएगा।