बीमार को डोली से लाने वाले युवाओं ने बताया कि गांव से लगभग पांच किमी मार्ग जानलेवा बना है। इस मार्ग पर खुद को बचाते हुए बीमार को कंधे पर लाना चुनौती था। आठ किमी मार्ग तय करने में तीन घंटे के आसपास समय लगा। उन्होंने बताया कि गांव के लि ए सड़क की मांग लंबे समय से की जा रही है। इस बार चुनाव से पूर्व सड़क स्वीकृति होने की जानकारी दी गई । इधर पता चला है कि सड़क निर्माण के लिए वित्त्तीय स्वीकृति नहीं मिली है। ग्रामीण पूर्व में सड़ककी मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार तक कर चुके हैं।