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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का अनुपालन न करने वाले औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई न होने पर हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी हरकत में आए। इसके बाद जिलाधिकारी दीपक रावत के नेतृत्व में हरिद्वार के सिडकुल के दो, बहादराबाद के तीन और भगवानपुर की दो औद्योगिक इकाइयों को शुक्रवार को सील कर दिया गया। टीम ने सिडकुल के शारदा मोटर्स इंडस्ट्रीज, स्टार इंस्डस्ट्रीज, बहाहदराबाद के श्री मेटल फिनिशर, वीटी आटो, बेगमपुर स्थित माइक्रो टर्नर और भगवानपुर के अविना मिल और पीएस इंडस्ट्रीज पर कार्रवाई की।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर शुक्रवार दोपहर जिलाधिकारी दीपक रावत, उप जिलाधिकारी कुसुम चैहान और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसपी सिंह के साथ सिडकुल स्थित शारदा मोटर्स पहुंचे। यहां पर फैक्ट्री के अंदर प्रदूषण मानकों का खुला उल्लंघन होते मिलने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई। पीसीबी के अधिकारियों से भी इन उद्योगों में नियमित जांच न करने पर नाराजगी जताई। इसके बाद फैक्ट्री को सील करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद टीम स्टार इंडस्ट्रीज पहुंची। टीम को देखकर फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी और प्रबंधन के लोग सकते में आ गए। जिलाधिकारी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का पालन न करने पर डीएम ने उसे सील करा दिया। इसके बाद टीम बहादराबाद औद्योगिक क्षेत्र में पहुंची। टीम ने फैक्ट्री के अंदर प्रदूषण कंट्रोल करने के उपकरणों के न लगने पर हैरत जताई।
टीम ने श्री मेटल फिनिशर, विटी आटो और सलेमपुर बेगमपुर स्थित माइक्रो टर्नर को कार्रवाई के क्रम में सील करा दिया। जिलाधिकारी दीपक रावत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को कार्रवाई में ढिलाई करने पर नाराजगी जताई। वहीं प्रशासनिक और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने भगवानपुर में भी प्रदूषण फैलाने वाली दो फैक्ट्रियां सील की।
गुरुवार को हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद भगवानपुर क्षेत्र की दो फैक्ट्रियों अविना मिल्स और पीएस इंडस्ट्रीज को प्रदूषण फैलाने के चलते सील कर दिया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रुड़की के क्षेत्रीय अधिकारी एसपी सिंहने बताया कुल सात फैक्ट्रियों को सील किया गया है। इसमें भगवानपुर में अविना मिल्क और पीएस इंडस्ट्रियल भी शामिल है। अविना मिल्क में दूध और दूध के उत्पाद बनते हैं। जबकि पीएस इंडस्ट्रियल में आटो पाटर्स तैयार किए जाते हैं। यह दोनों ही कंपनियां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों को पूरा नहीं कर रही थी।