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शासन ने इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड (आइपीएचएस) के मानकों को अपनाते हुए प्रदेश में बेस अस्पताल और संयुक्त अस्पताल की व्यवस्था को समाप्त करते हुए केवल पांच श्रेणी में ही अस्पताल रखे हैं। इसी कड़ी में कोरोनेशन और गांधी नेत्र चिकित्सालय को एकीकृत करते हुए जिला अस्पताल बनाया गया है। शेष स्थानों पर बेस व संयुक्त अस्पतालों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का दर्जा दिया गया है।
इसी वर्ष जनवरी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोनेशन की नई इमारत का शिलान्यास किया था। गांधी शताब्दी को मातृ एवं शिशु देखभाल के लिहाज से विकसित किया गया। अब आपीएचएस के मानकों को पूरा करने के लिए दोनों अस्पतालों को एकीकृत करते हुए जिला अस्पताल बनाया गया है। आइपीएचएस के मानकों के अनुसार अब प्रदेश में केवल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी क, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी ख, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप जिला चिकित्सालय व चिकित्सालय की व्यवस्था की है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है क्योंकि केंद्र इसी व्यवस्था के अनुसार आर्थिक सहायता देता है।
कैबिनेट में आइपीएचएस के तहत अस्पतालों को पांच श्रेणी में रखने के बाद देहरादून को लंबे समय बाद जिला अस्पताल मिला है। दरअसल, दून अस्पताल व दून महिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज बन जाने के बाद शहर में पिछले चार साल से जिला अस्पताल ही अस्तित्व में नहीं था।