Uttarakhand online news
रविवार सुबह बादल फटने के बाद इन गांवों का मंजर गवाही दे रहा है कि यहां किस कदर कुदरत का कहर बरपा। इससे लोगों पर क्या बीती होगी। इलाके के 50 से ज्यादा गांवों में जीवन पूरी तरह पटरी से उतरा हुआ है। आराकोट न्याय पंचायत के गांवों में आपदा से मृतक संख्या 13 पहुंच गई, जबकि अब भी लगभग 15 लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि, जिला प्रशासन छह से सात लोगों के लापता होने की पुष्टि कर रहा है। इन गांवों में 50 से 60 लोग चोटिल भी हुए हैं। इनमें से छह को हेली रेस्क्यू करके अस्पतालों तक पहुंचाया गया। देहरादून में चार लोगों का इलाज चल रहा है। करीब 28 घंटे बाद सोमवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू टीमों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। माकुडी और बलावट गांव में चौतीस घंटे बाद हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू टीमों को ड्रॉप किया जा सका। टिकोली में यह भी संभव नहीं हो पाया, हालांकि पूर्वाह्न करीब 11 बजे यहां पैदल टीम पहुंच गई थी। जिलाधिकारी ने राहत कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इस बीच, न्याय पंचायत आराकोट के सभी शिक्षण संस्थानों में एक सप्ताह का अवकाश घोषित कर दिया गया है।
ऋषिकेश स्थित एम्स को छोड़ दें तो आसपास के जिलों में भी सरकारी अस्पतालों में आईसीयू वार्ड नहीं है। आपदा के गंभीर घायलों को जहां दून अस्पताल लाया जा रहा है। ऐसे में आईसीयू की सुविधा न होने से अस्पताल प्रशासन के साथ ही मरीज भी परेशान हैं। दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि विभाग के इंजीनियरों ने फॉल्ट ढूंढ लिया है। पीने के पानी की लाइन का पाइप आईसीयू की दीवार के पास पूरी तरह से टूटा हुआ था। दीवार को तोड़कर लाइन को दुरुस्त कर दिया गया है। मंगलवार से आईसीयू वार्ड को शुरू कर दिया जाएगा। बरसाती नालों के उफान के साथ आए मलबे ने यहां का एक प्रकार से भूगोल ही बदल कर रख दिया है। संपर्क मार्ग, पैदल रास्ते, पुलिया टूटने से गांवों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है। इसी के चलते रविवार सुबह उत्तरकाशी मुख्यालय ये यहां से लिए चली रेस्क्यू टीमों के सोमवार सुबह पहुंचने का सिलसिला शुरू हो पाया जो दोपहर बाद तक चला।