अहम बात यह है कि इस किताब में किसान और किसानी से जुड़े अन्य फैसलों को स्थान नहीं दिया गया है। प्रमुख रूप से धार्मिक व भावनात्मक रूप से जुड़े मुद्दे ही इसमें शामिल हैं। इनमें करतारपुर साहिब कारिडोर का निर्माण, गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व, गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व, श्री हरिमंदिर साहिब, अमृतसर का एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) पंजीकरण आदि शामिल हैं।भाजपा हाईकमान की ओर से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पंजाब के भाजपा नेताओं को गतिविधियां बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही भाजपा यह भी चाहती है कि सार्वजनिक समारोह करके किसानों के साथ कोई टकराव की स्थिति भी न बने। इसलिए पार्टी बहुत ही शांत ढंग से किताब वितरण के लिए वन-टू-वन की नीति अपना रही है। अश्वनी शर्मा ने बताया कि इस किताब के वितरण के लिए पहले हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता चिन्हित किए गए। यह कार्यकर्ता लोगों से मिले, उनके साथ बैठे और उन्हें किताब भेंट की।
किताब हासिल करने वाले चंडीगढ़ के पंजाब यूनिवर्सिटी के फैकल्टी आफ लैंग्वेज डिपार्टमेंट के डीन गुरपाल सिंह ने कहा कि इस बात से तो इन्कार नहीं किया जा सकता है कि करतारपुर साहिब कारिडोर मोदी सरकार ने बनाया और उसे खोला भी। यह भी सही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना प्रोटोकाल के गुरुद्वारा साहिब भी जाते हैं। 1984 के दंगों के बाद कोटा से मोहाली आकर इलेक्ट्रानिक इंडस्ट्री चलाने वाले कुशजीव सेठी कहते हैं कि किताब से बहुत जानकारी मिली है। सिख विरोधी दंगों के कारण ही कोटा छोड़कर पंजाब आया था। तब से दंगों पर राजनीति तो बहुत हुई लेकिन जख्मों पर मरहम मोदी सरकार के समय में ही लगा है।