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उत्तराखंड में डेंगू का प्रकोप जारी, मरीजों की संख्या एक हजार पार

उत्तराखंड में डेंगू का प्रकोप जारी, मरीजों की संख्या एक हजार पार

उत्तराखंड में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जरा है । डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता दिनप्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। शुरुआती चरण में मैदानी क्षेत्रों में देहरादून आसपास के असर दिखाने वाला मच्छर अब पहाड़ में भी फैल रहा है राज्य में डेगू की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या एक हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। इनमें सर्वाधिक मामले देहरादून से हैं। 

पिछले दिनों की तरह दून में 12 और मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है। नैनीताल जनपद में भी 27 मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है। यानी राज्य में 39 नए मरीज सामने आए हैं। प्रदेश में डेगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 1019 तक पहुंच गई है। इनमें नैनीताल जनपद के 277 मरीज, हरिद्वार के 39, टिहरी के सात मरीज, ऊधमसिंह नगर के पांच पौड़ी जिले का एक मरीज भी शामिल है। अकेले देहरादून में डेगू का मच्छर अब तक सात मरीजों (एक टिहरी) की जान भी ले चुका है। 

डेंगू के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय अधिकारी इस बात को लेकर पसोपेश में हैं कि बीमारी की रोकथाम बचाव के लिए तमाम तैयारियां करने के बाद भी डेंगू का प्रभाव कम क्यों नहीं हो रहा है। बल्कि आए दिन नए मरीज सामने रहे हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी दावा करते नहीं थक रहे हैं कि डेंगू के प्रभावित इलाकों स्वास्थ्य विभाग नगर निगम की टीमें लगातार दौरा कर रही हैं। 

क्षेत्रवासियों को डेंगू की बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। घरघर जाकर मच्छर के लार्वा का सर्वे किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान मिलने वाले लार्वा को मौके पर ही नष्ट किया जा रहा है। वहीं, जिन घरों में मच्छर का लार्वा अधिक मिल रहा है, नगर निगम द्वारा उनका चालान भी काटा जा रहा है। 

अब बस मौसम का सहारा 

डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर से दोदो हाथ करने के लिए कई चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, तकनीशियन, आशा फैसिलिटेटर आशा कार्यकर्ता के साथ ही मेडिकल कॉलेज के छात्र भी मैदान में उतरे हुए हैं। नगर निगम द्वारा भी क्षेत्रों में लगातार फॉगिंग की जा रही है। बावजूद इन सबके डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। स्थिति यह है कि सरकारी निजी अस्पतालों में ना सिर्फ मरीजों की भारी भीड़ लगी हुई है, बल्कि अस्पतालों में मरीज भर्ती करने के लिए बेड तक नहीं हैं। 

 

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