Uttarakhand online news
मगर एम्स के डॉक्टरों की केस स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि कई बार बिना बुखार आए भी डेंगू हो सकता है। डेंगू का मुख्य लक्षण बुखार को माना जाता है।, ऐसा हो सकता है कि मरीज को बुखार न आए मगर वह डेंगू के वायरस से प्रभावित हो। ऐसा डेंगू खतरनाक हो सकता है क्योंकि बिना कोई लक्षण दिखे मरीज इसे नजरअंदाज कर सकते हैं एक अस्पताल में काम करने वाली 50 साल की नर्स को लगातार थकान की शिकायत हो रही थी। डॉक्टरों ने जब उसका ब्लड टेस्ट किया, तो उसमें डेंगू के वायरस पाए गए जबकि उस महिला को बुखार नहीं आ रहा था। टेस्ट में देखा गया कि मरीज के ब्लड में रेड सेल्स, व्हाइट सेल्स और प्लेटलेट्स की संख्या कम है। साथ ही खून में शुगर की मात्रा ज्यादा पाई गई। इसके बाद डॉक्टरों ने उस महिला का एनएस1 एंटीजेन टेस्ट (डेंगू का टेस्ट) किया, जिसका रिजल्ट पॉजिटिव निकला। डॉक्टरों ने इसके बाद जब महिला का आर-पीसीआर (डेंगू का टेस्ट) किया, तो उसमें भी वायरस की पुष्टि हुई। जांच के बाद ये केस स्टडी ‘द एसोसिएशन ऑफ फीजिशियन्स ऑफ इंडिया जर्नल’ में पब्लिश की गई है। जिन इलाकों में डेंगू का वायरस फैला हुआ है, वहां इस तरह के डेंगू की संभावना बहुत ज्यादा है।
डेंगू के ऐसे मरीज जिनमें बुखार नहीं होता, उनमें बेचैनी, उल्टी, शरीर में दर्द और कमजोरी जैसे लक्षणों को देखकर इसकी पहचान की जा सकती है। ऐसे लोग जिनमें लगातार थकान, कमजोरी, आलस, लो ब्लड प्रेशर आदि की समस्या हो, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और डेंगू का टेस्ट करवाना चाहिए। अगर आपके ब्लड में व्हाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स का काउंट कम आ रहा है, तो डेंगू की जांच बहुत जरूरी है।