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पुलिस महानिदेशक ने सिटी पैट्रोल यूनिट की नई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसीजर) पर मुहर लगा दी है। अब ट्रैफिक के साथ सीपीयू की जिम्मेदारी में अपराध और दुर्घटना नियंत्रण भी शामिल कर दिया गया है। इसके अलावा चालान में भी 80 फीसद इंफोर्समेंट और 20 फीसद सामान्य चालान करने के निर्देश दिए हैं. राज्य में आधुनिक पुलिसिंग को लेकर गठित सीपीयू कामकाज को लेकर विवादों में रही है. इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि ट्रैफिक ड्यूटी के साथ अब सीपीयू को दुर्घटना नियंत्रण और अपराध नियंत्रण में भी जिम्मेदारी निभानी होगी।
इसके अलावा इंफोर्समेंट में कम से कम 80 प्रतिशत प्रवर्तन की कार्रवाई करनी होगी। इसमें डीएल निलंबन, रेड लाइट जंप, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर स्पीड, ओवर लोडिंग, मोबाइल का प्रयोग को शामिल किया गया है। साथ ही स्टंट ड्राइविंग, बिना नंबर प्लेट वाहन, गलत दिशा में वाहन चलाने, गलत तरीके से पार्क वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी है। अपराध में महिलाओं से छेड़छाड़, चेन स्नेचिंग, बिना नंबर प्लेट वाहन, संदिग्ध वाहनों की चेकिंग, अवैध असलाह चेकिंग एवं नाकाबंदी में जिला पुलिस के साथ चेकिंग की कार्रवाई करनी होगी।
स्कूल खुलने और बंद होने के दौरान भी सीपीयू को शहर में व्यवस्था देखनी होगी। बैठक में ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने कहा कि हर माह सीपीयू के कामकाज की समीक्षा होगी। इसके लिए पुलिस अधीक्षक यातायात आवंटित कैमरों की रिकार्डिग देखेंगे। कैमरों की रिकार्डिग में छेड़खानी की भी अलग से जांच की जाएगी। परेड पर हर दिन सीपीयू कर्मियों को ड्यूटी एवं जनता के साथ व्यवहार का प्रशिक्षण भी देंगे। सीपीयू की मोटर साइकिल को 100 नंबर की बजाए अब 112 से जीपीएस से जोड़ा जाएगा। इससे मोटर साइकिलों की ट्रैकिंग की जा सकेगी।