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चारधाम श्राइन प्रबंधन बोर्ड मामले में हुई कांग्रेस और भाजपा की झड़प

चारधाम श्राइन प्रबंधन बोर्ड मामले में हुई कांग्रेस और भाजपा की झड़प

उत्तराखंड चारधाम श्राइन प्रबंधन बोर्ड विधेयक को सदन में प्रस्तुत करने को लेकर कांग्रेस व भाजपा विधायकों के बीच कई बार तीखी नोकझोंक हुई। सत्ता पक्ष ने कहा कि सदन में बिना पूर्व सूचना दिए कोई मामला नहीं उठाया जा सकता लेकिन कांग्रेस विधायकों ने बिना किसी पूर्व सूचना के इस मसले को उठाया है। वहीं कांग्रेस विधायकों ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए सारी पंरापराएं तोडऩे से उन्हें गुरेज नहीं है। उन्होंने कहा कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विधेयक पर चर्चा बिना इसे लाकर सरकार ने भी परंपराओं का पालन नहीं किया है।

सदन शुरू होते ही सबसे पहले वरिष्ठ कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। इस पर पीठ ने कहा कि अभी व्यवस्था का प्रश्न नहीं उठाया जा सकता। कांग्रेस ने नियम 310 (सारे काम रोकर चर्चा) के तहत टीएचडीसी को बेचने के खिलाफ  नोटिस दिया लेकिन मामला श्राइन बोर्ड का उठा दिया।

भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के आरोप पर कांग्रेस विधायक भड़क गए। नेता प्रतिपक्ष करण माहरा, मनोज रावत व हरीश धामी की उनसे तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेस विधायकों ने गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ के विधायकों को भी इस मामले में घेरा।

इस पर पीठ ने नियमों के तहत मामला उठाने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक नहीं माने। और सरकार पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। संसदीय कार्य मंत्री ने भी नियमों के तहत मामला उठाने को कहा। कांग्रेस विधायकों का तर्क था कि विधेयक पेश करने से पहले उन्होंने इसकी प्रति भी नहीं दी गई।

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