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चार साल में बेदाग छवि से बदली उत्तराखंड की तस्वीर |

चार साल में बेदाग छवि से बदली उत्तराखंड की तस्वीर |

18 मार्च 2017 को जब त्रिवेंद्र मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो उनके विरोधियों को इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि वे उत्तराखंड को वो तमाम सौगाते देंगे जिसकी उत्तराखंड की जनता ने भी कभी कल्पना नहीं की होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के कार्यकाल के 4 वर्ष पूर्ण होने को है इन 4 वर्षों में मुख्यमंत्री ने अनेकों सौगातो से उत्तराखंड को नवाजा है,और विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देकर चारों खाने चित भी किया है । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र 4 वर्षों में उत्तराखंड को विकसित करने के भरसक सफल प्रयास किए हैं नतीजा आज हमारे सामने है कि प्रताप नगर वासियों को लंबे इंतजार के बाद डोबरा चांठी पुल की सौगात प्राप्त हुई, चार धाम यात्रा को बेहतर और सुव्यवस्थित बनाने के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया। गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने को राज्य के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगाइसके अलावा गैरसैंण को विकसित करने के लिए त्रिवेंद्र ने गैरसैंण में चाय बोर्ड मुख्यालय खोलने ,गैरसैंण को तीसरा मंडल बनाकर एवं गैरसैंण के लिए भावी रोडमैप तैयार कर उसे 25000 करोड़ से विकसित करने जैसे सुधारात्मक कदम उठाए। आम जनमानस को त्रिवेंद्र ने अटल आयुष्मान योजना देकर स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ी सुविधा दी है अटल आयुष्मान योजना उत्तराखंड वासियों के लिए वरदान साबित हो रही है। त्रिवेंद्र ने महिलाओं की पीड़ा को भी बखूबी समझा तभी उन्होंने महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटाने के लिए घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ किया, महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में भी त्रिवेंद्र ने बराबर का हक दिलाकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड वासियों को आत्मनिर्भर बनाने व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, होम स्टे योजना संचालित की ।
वहीं ग्रोथ सेंटर के जरिए मुख्यमंत्री ने कई स्थानीय लोगों को रोजगार से जुड़ने का मौका दिया।’हर घर जल हर घर नल’ की बात करें तो मुख्यमंत्री ने ₹1 में ग्रामीण क्षेत्रों में और ₹100 में शहरी गरीबों को पानी का कनेक्शन मुहैया करवाया। 4 वर्षों के कार्यकाल में त्रिवेंद्र ने उत्तराखंड को साहसिक खेलों में भी अलग पहचान दिलवाई।
वर्ष 2017 के विधानसभा के चुनाव में जनता के बीच जब त्रिवेंद्र गए तो भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा था। तमाम भ्रष्टाचारी सरकार चला रहे थे उस समय त्रिवेंद्र सरकार ने वादा किया कि वह भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और विकास की सरकार देंगे ,सत्ता में आने के बाद सबसे पहले उधम सिंह नगर के एनएच 74 घपले में लिप्त वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कार्रवाई की और निरंतर इन 4 सालों में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने में त्रिवेंद्र कामयाब रहे और लगभग कई लोगों पर वह भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं।4 वर्षों में विरोधियों ने भी त्रिवेंद्र सरकार की जड़े खोदकर सरकार गिराने की नाकाम कोशिशें लगातार की है लेकिन उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ी है।
त्रिवेंद्र ने उत्तराखंड को नए आयामों तक पहुंचा कर साबित किया है कि जो शपथ उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए वर्ष 2017 में खाई थी उसे वहां बखूबी निभा रहे हैं।

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