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मुख्यमंत्री अहम विभागों का मोह नहीं छोड़ पाए;   अपने पास रखे 20 विभाग

मुख्यमंत्री अहम विभागों का मोह नहीं छोड़ पाए; अपने पास रखे 20 विभाग

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बेशक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जुदा विभागों की संख्या को घटाकर केवल 20 विभाग अपने पास रखे हैं, लेकिन वह भी त्रिवेंद्र की तरह अहम विभागों का मोह नहीं छोड़ पाए। जबकि उनके पास पूरा मंत्रिमंडल है। चुनावी साल में यह माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री कुछ अहम विभागों की जिम्मेदारी अपने मंत्रियों पर डालकर हल्के रहेंगे और मनमाफिक पारी खेलेंगे। कोविड-19 महामारी के दौर में वित्तीय प्रबंधन और स्वास्थ्य की चुनौती को देखते हुए वित्त एवं स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी भी अलग से मंत्रियों को दिए जाने की संभावना जताई जा रही थी।कार्मिक, सतर्कता, सचिवालय प्रशासन व सामान्य प्रशासन, राज्य संपत्ति सरीखे विभागों से अलग गृह, राजस्व, लोनिवि, ऊर्जा, आबकारी, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा, नागरिक उड्डयन, ग्राम्य विकास, न्याय सरीखे अहम विभाग हैं, जिनमें विभागीय मंत्रियों की सक्रियता बेहद जरूरी है। चुनावी साल में मुख्यमंत्री के सामने सल्ट विधानसभा उपचुनाव की चुनौती का आगाज हो चुका है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके नेतृत्व कौशल की यह पहली चुनावी परीक्षा होगी। ऐसे में उनके लिए चुनावी सियासत के साथ-साथ विभागों के कामकाज की जिम्मेदारी निभाना आसान नहीं होगा। इस चुनावी साल में मुख्यमंत्री को दो उपचुनाव और एक विधानसभा चुनाव की चुनौती का सामना करना है।

कुंभ मेले का आयोजन, कोविड-19 महामारी, चारधाम यात्रा की तैयारी के अलावा उनके सामने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की भी चुनौती है। भारी भरकम विभागों के साथ वे इन चुनौतियों का मुकाबला वे कैसे कर पाएंगे, ये देखना दिलचस्प रहेगा।तीरथ मंत्रिमंडल में पुराने मंत्रियों का रुतबा बरकरार रखा गया है। इसे लेकर सियासी मायने भी टटोले जाएंगे। त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य सहज नहीं माने जा रहे थे।

मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद इन सभी का प्रभाव कम होने की संभावनाएं जताई गईं, लेकिन भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने सभी का रुतबा बरकरार रखा। अब सियासी हलकों में कौन सही और कौन गलत के सवाल तैर रहे हैं? कहा जा रहा है कि इस बड़े बदलाव के लिए सिर्फ एक चेहरा ही जिम्मेदार है?सियासी जानकारों का मानना है कि तीरथ मंत्रिमंडल में नए मंत्री के तौर पर शामिल बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल, गणेश जोशी और स्वामी यतीश्वरानंद पर अपने क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं का दबाव भी रहेगा। चुनावी साल में उनके लिए विभागों में परफार्म करने के साथ क्षेत्र की जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना आसान नहीं होगा।

 

 

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