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इस क्रिसमस दो हजार साल पुरानी संस्कृति के दर्शन नहीं होंगे। अमूमन क्रिसमस से एक महीने पहले ही घर-घर जाकर यीशु के जन्म का संदेश दिया जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च कमेटी के सदस्य राहुल दयाल ने बताया कैरोल सिंगिंग ग्रुप भी इस बार नहीं निकलेंगे। कहा कि चर्चों में प्रभु की चरणी और घरों में क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा में कोई कमी नहीं की जाएगी। बताया कि इस बार कोरोना मुक्ति और मानव कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की जाएगी।
प्रभु यीशु के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व पर इस बार कोविड-19 के चलते शहर का सबसे बड़ा नेशविला रोड स्थित सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च नहीं खुलेगा। चर्च में क्रिसमस पर कोई भी आयोजन नहीं होगा। इसके चलते चर्च में रंग रोगन और सजावट का काम भी नहीं किया गया है। जबकि, शहर के पांच चर्च अलग-अलग समय पर खुलेंगे।क्रिसमस पर चर्च खोलने के संबंध में सोमवार को शहरभर के चर्च प्रबंधकों की ओर से बैठक की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि क्रिसमस पर चर्च आने वाले हर व्यक्ति का रिकॉर्ड रखा जाए। सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च के फादर रेवरन दिनेश प्रसाद ने बताया कि क्रिसमस पर भीड़ जमा न हो इसलिए प्रबंधन कमेटी ने एक जनवरी तक चर्च को बंद रखने का फैसला लिया है।
ऐसे में ऑनलाइन प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। जबकि, कॉन्वेंट रोड स्थित रोमन कैथोलिक चर्च में केवल दो ही प्रार्थना सभा होंगी। शहर के अन्य चार गिरजाघरों में भी अलग-अलग समय पर प्रार्थना सभा होंगी। बताया कि प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार ही त्योहार मनाया जाएगा। चर्च में भी सैनिटाइजेशन और बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा।