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उत्तराखंड में  सीसीआइएम ने आठ आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता की रद

उत्तराखंड में सीसीआइएम ने आठ आयुर्वेद कॉलेजों की मान्यता की रद

उत्तराखंड के आठ आयुर्वेदिक कॉलेजों की मान्यता भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआइएम) ने रद कर दी है। आयुर्वेद चिकित्सक बनने के इच्छुक प्रदेश के युवाओं को बड़ा झटका लगा है।  इनमें बीएएमएस की कुल 560 सीटें थीं। जिनमें आधी स्टेट कोटा के तहत भरी जानी थीं। बता दें, प्रदेश के दोनों होम्योपैथिक कॉलेजों को भी इस साल मान्यता नहीं मिली है।

आयुर्वेद कॉलेजों के स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक तरफ आयुष मंत्रलय ने आयुष शिक्षकों के लिए पात्रता परीक्षा की व्यवस्था कर दी है काउंसिलिंग के ठीक पहले प्रदेश के आठ कॉलेजों का नाम लिस्ट से गायब है। सीसीआइएम ने इनकी मान्यता रद कर दी है। जानकारों की मानें तो ऐसा फैकल्टी की कमी, सुविधा-संसाधनों के अभाव आदि की वजह से किया गया है।

इन्हें नहीं मिली मान्यता

उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज देहरादून, मदरहुड आयुर्वेदिक कॉलेज रुड़की, हरिद्वार, आयुर्वेदिक कॉलेज हरिद्वार, बिहाईव आयुर्वेदिक कॉलेज देहरादून, शिवालिक आयुर्वेदिक कॉलेज देहरादून, श्रीमति मंजरी देवी आयुर्वेदिक कॉलेज उत्तरकाशी, देवभूमि आयुर्वेदिक कॉलेज देहरादून, बिशम्बर सहाय ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स रुड़की।

आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का कहा कहना है कि प्रदेश में सरकारी व निजी, कुल 16 आयुर्वेदिक कॉलेज हैं। सीसीआइएम ने हाल में इनका निरीक्षण किया था। आठ कॉलेजों को मान्यता नहीं मिली है। इन कॉलेजों के पास अभी कोर्ट जाने का विकल्प है।

 

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