अखिल भारतीय आयुॢवज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में पहली मर्तबा दो मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है।एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत के मुताबिक, इन दोनों मरीजों को कोरोना संक्रमण के बाद इलाज के लिए मेरठ से ऋषिकेश एम्स लाया गया था। एम्स में दोनों मरीजों का नियमित उपचार चल रहा था। इस दौरान इनमें ब्लैक फंगस के लक्षण नजर आए। जिसके बाद चिकित्सकों ने आवश्यक जांच और परीक्षण के पश्चात दोनों मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि की।
दोनों का इस बीमारी के तहत भी उपचार शुरू किया गया है। इससे पूर्व शुक्रवार को देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई थी। वहीं एक अन्य मरीज में लक्षण पाए गए थे। इसकी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। एम्स के ताजा दो मामलों को मिलाकर देहरादून जिले में अब तक पांच लोग में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है। उधर, देहरादून के ही श्री महंत इंद्गेश अस्पताल में ब्लैक फंगस का एक संदिग्ध मरीज सामने आया है। अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की जांच कराई है। शनिवार देर रात तक मरीज की जांच रिपोर्ट नहीं आई थी। इसलिए अस्पताल के डॉक्टर मरीज को संदिग्ध ब्लैक फंगस संक्रमित मानकर इलाज कर रहे हैं। अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि यह मरीज पहले किसी अन्य अस्पताल में कोरोना संक्रमण के चलते भर्ती हुआ था।
उन्होंने खुद ही अस्पताल आकर आंखों में समस्या होने की बात कही है और ब्लैक फंगस होने का भी संदेह जताया है। डॉक्टरों ने लक्षणों के आधार पर मरीज की जांच कराई है। इसका इलाज भी लक्षणों के आधार पर किया जा रहा है।