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उत्तराखंड में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ भाजपा का विजय रथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। लोकसभा चुनाव में एक बार फिर यहां की सभी पांचों सीटों पर जीत का इतिहास रचाए उससे पार्टीजनों का मनोबल सातवें आसमान पर है। अब भाजपा के सामने अगली परीक्षा इसी वर्ष छोटी सरकार कही जाने वाली पंचायतों के चुनाव की है। ऐसे में वह बढ़े मनोबल के साथ पंचायत चुनाव में उतरेगी।
पांच साल में पांच चुनावों में परचम भाजपा ने मोदी रथ पर सवार हो वर्ष 2014 के चुनाव में उत्तराखंड में लोकसभा की सभी पांचों सीटें कांग्रेस से छीनकर अपने विजय रथ की शुरुआत की। इसके बाद तो पार्टी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
2017 के विधानसभा चुनाव में भी उसने कांग्रेस को धूल चटा दी। भाजपा का विजय रथ यही नहीं रुका और उसने राज्य में हुए नगर निकाय चुनावों में जोरदार सफलता हासिल की तो सहकारिता में लंबे समय से जड़ें जमाए बैठी
सहकारिता की बहुद्देश्यीय समितियों से लेकर शीर्ष संस्थाओं तक में आज उसका कब्जा है। अब लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने लगातार दूसरी बार कांग्रेस को चारों हारा दिया।पंचायत चुनाव के लिए बूस्टअप विजय रथ पर सवार भाजपा को लोस चुनाव में मिली ऐतिहासिक सफलता से पार्टी कार्यकर्ता और अधिक बूस्टअप हुए हैं।
असल में लोस चुनाव से निबटने के बाद अब भाजपा को राज्य में गांव की सरकार यानी पंचायत चुनाव की चुनौती से निबटना है। यह चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होतेए मगर सभी दलों का इनमें खासा दखल होता है। सियासी दलों की कोशिश ये रहती है कि उनके खेमे के लोग पंचायतों में काबिज हों।
ऐसे में भाजपा भी सितंबर अक्टूबर में संभावित पंचायत चुनावों के लिए तैयारियों में जुट गई है। यह चुनाव गांवों में राज्य सरकार के कामकाज को भी कसौटी पर परखेंगे। इस सबको देखते हुए भाजपा लोस चुनाव में जीत से बढ़े मनोबल के साथ पंचायत चुनाव में उतरेगी। इसके लिए वह तैयारियों में लग गई है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला कहते हैं कि न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में भाजपा के साथ ही आमजन का भी मनोबल बढ़ा है। जनता भाजपा में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में हम ऐतिहासिक सफलता हासिल करेंगे।