सोमवार को इस मामले में भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने एक सुर में समिति में घोटाले के आरोपों को खारिज किया और महापौर गामा से मुलाकात कर बताया कि निगम ने किसी को सूचना के अधिकार में जानकारी नहीं दी। यह आरोप लगाया कि विनोद जोशी साजिशन पार्षदों को बदनाम कर रहा। इस दौरान भाजपा पार्षद भूपेंद्र कठैत समेत कांग्रेस के पार्षद डा. बिजेंद्र पाल सिंह, सुमेधा गुरुंग और नंदनी शर्मा समेत करीब दो दर्जन पार्षद शामिल रहे।मोहल्ला स्वच्छता समिति में दूसरी बार गड़बड़ी के आरोपों पर महापौर और नगर आयुक्त ने सभी वार्डो में समिति के तहत रखे गए कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, पार्षद तर्क दे रहे कि उन्होंने सभी कर्मियों के नाम, पते व बैंक खाते के नंबर निगम को दिए हुए हैं और अब वेतन सीधे बैंक खाते में जाता है, लेकिन पार्षदों पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे व्यक्तियों के नाम सूची में दर्ज किए हुए हैं, जो सफाई का काम करते ही नहीं। आरोप हैं कि इनकी चेकबुक समेत एटीएम कार्ड तक पार्षदों ने अपने पास ही रखे हुए हैं, ताकि वेतन आने पर निकासी खुद पार्षद कर सकें।