बावजूद इसके छात्रों का साथ लेने के लिए परिसरों पर भाजपा ने खास ध्यान केंद्रित किया है। यह किसी से छिपा नहीं है कि संगठन के मामले में भाजपा का कोई सानी नहीं है। परिसरों में छात्रों के बीच कार्य कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से वह अपनी मुहिम में जुटी है। इसके जरिये परिसरों में भाजपा अपना धरातल और सशक्त कर रही है।सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जो परिषद के पदाधिकारियों के निरंतर संपर्क में हैं। इसके पीछे मंशा यही है कि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को परिषद से जोड़ा जाए, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में उनका सक्रिय सहयोग लिया जा सके।वैसे भी भाजपा ने युवा मुख्यमंत्री युवा उत्तराखंड का नारा दिया है तो उसकी इस मुहिम को इसी कड़ी के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार की ओर से शिक्षा और रोजगार के विषयों पर लिए गए निर्णयों की जानकारी भी परिषद के माध्यम से छात्रों को दी जा रही है। साथ ही आगामी योजनाओं की जानकारी भी साझा की जा रही है। पार्टी को उम्मीद है कि उसकी यह पहल युवाओं के बीच पैठ बनाने में ज्यादा कारगर साबित होगी।