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जैवविविधता के मामले में धनी टिहरी जिले के देवलसारी क्षेत्र के जंगल को राज्य की पहली बायोडायवसिर्टी हैरिटेज साइट घोषित करने की तैयारी है। 25 किलोमीटर में फैले यहां के जंगल का संरक्षण करने वाली छह वन पंचायतों और देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एव तकनीकी विकास समिति की ओर से इस संबंध में भेजे गए प्रस्ताव का उत्तराखंड राज्य जैविविविधता बोर्ड गंभीरता से परीक्षण करा रहा है।उम्मीद जताई जा रही कि आगामी 22 मई को जैवविविधता दिवस पर इस हैरिटेज साइट की घोषणा हो सकती है।इससे जहां देवलसारी अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में उभरेगा, वहीं जैवविविधता संरक्षण के प्रयासों को गति देने के मद्देनजर केंद्र और राज्य से धनराशि भी उपलब्ध होगी।संपूर्ण उत्तराखंड जैवविविधता के लिहाज से धनी है, लेकिन अभी तक राज्य में एक भी बायोडायर्सिटी हैरिटेज साइट नहीं है।
बायोडायवर्सिटी हैरिटेज साइट उन क्षेत्रों को घोषित किया जाता है, जिनकी जैवविविधता बेजोड़ है। साथ ही उसके संरक्षण के लिए और अधिक कदम उठाए जाने की दरकार है। पूर्व में हाईकोर्ट ने भी उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिए थे कि वह राज्य में बायोडायवर्सिटी हैरिटेज साइट बनाए। इस संबंध में प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनी। उसकी दो-तीन बैठकें भी हुईं, मगर बात आगे नहीं बढ़ पाई।अब देवलसारी क्षेत्र की वन पंचायतों के ग्रामीण खुद इसके लिए आगे आए हैं। इन वन पंचायतों के साथ ही वहां की जैवविविधता के संरक्षण के साथ ही ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा देने में जुटी देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एव तकनीकी विकास समिति ने देवलसारी को बायोडायवर्सिटी हैरिटेज साइट घोषित करने का प्रस्ताव भेजा है। उत्तराखंड राज्य जैवविविधता बोर्ड के अध्यक्ष एवं वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने इस प्रस्ताव का परीक्षण शुरू कर दिया है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।