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ऋतुराज वसंत पर गंगा स्नान और ईश्वर की स्तुति करने को गंगाघाटों और नदी तट पर आस्था का उमड़ा सैलाब

ऋतुराज वसंत पर गंगा स्नान और ईश्वर की स्तुति करने को गंगाघाटों और नदी तट पर आस्था का उमड़ा सैलाब

उत्तराखंड में वसंत पंचमी के पर्व पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। हरिद्वार के गंगा घाटों में आस्था की डुबकी लगाने वालों में सर्दी के बावजूद उत्साह बना रहा। जगह-जगह मीठे चावल के रूप में प्रसाद वितरित किया गया। वहीं बच्चों के साथ ही बड़ों ने भी पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। ऋतुराज वसंत पर गंगा स्नान और ईश्वर की स्तुति करने को धर्मनगरी  हरिद्वार के गंगाघाटों और नदी तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के साथ ही पूजा अर्चना, दान कर पुण्य अर्जित किया। इस दिन पीतांबर वस्त्र धारण कर अन्न-वस्त्र दान करने के साथ ही  गुप्त दान करने की भी मान्यता और परंपरा है। साथ ही जर्दा (एक प्रकार का मीठा चावल) खाने की भी परंपरा है। श्रद्धालुओं ने इसके निमित्त हरकी पैड़ी और आसपास के मंदिरों में गुप्त दान कर पुण्य कमाया। हरकी पैड़ी पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी। मौसम खुला होने के कारण हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर गंगा स्नान के लिए भारी भीड़  उमड़ी। स्नान को तड़के हरिद्वार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा और ब्रह्म मुहूर्त से स्नान शुरू कर दिया था। स्नान के चलते हरकी पैड़ी, सर्वानंद घाट, बिरला घाट, लवकुश घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट आदि घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा। सनातनी मान्यता के अनुसार श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन और गंगा अभिषेक भी किया। स्नान के बाद हरिद्वार के मंदिरों के दर्शन और पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अन्न-वस्त्र आदि का दान किया।दून में वसंत पंचमी का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने घरों और मंदिरों में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके अलावा ब्राह्मणों ने पंचांग पढ़कर यजमानों को उनकी राशियों के आधार पर भविष्य की जानकारी दी।

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