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प्रदेश के प्रत्येक ब्लाक में दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना को विस्तार देने की तैयारी

प्रदेश के प्रत्येक ब्लाक में दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना को विस्तार देने की तैयारी

प्रदेश के प्रत्येक ब्लाक में दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना को विस्तार देने की तैयारी है। सीबीएसई से मान्यता के मानक पूरे करने वाले सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को अगले चरण में अटल उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी। इन विद्यालयों में फीस बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बुधवार को विधानसभा स्थित कक्ष से आनलाइन बैठक में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस योजना का दूसरा चरण भी जल्द शुरू किया जाएगा। इन विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए गेस्ट फैकल्टी गुण-दोष का पैमाना अपनाते हुए लाई जाएगी। उन्होंने शिक्षा सचिव को सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।इससे पहले शिक्षा मंत्री ने राजीव गांधी नवोदय विद्यालय स्थित वर्चुअल स्टूडियो के माध्यम से राज्य के सभी मुख्य शिक्षाधिकारियों, जिला शिक्षाधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों व उप शिक्षाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोरोना महामारी के मद्देनजर छात्रों के लिए विद्यालयों को खोलने के संबंध में भी चर्चा की गई। यह तय किया गया कि छात्रों के लिए विद्यालयों को खोलने के संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता कर आगे कदम उठाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल स्थान पर लाने के पुरजोर प्रयास किए जाएंगे।

बैठक में कक्षा छह से 12वीं तक छात्र-छात्राओं के लिए दूरदर्शन के माध्यम से दोबारा ज्ञानदीप कार्यक्रम का प्रसारण शुरू किए जाने और लिंक के माध्यम से कक्षाओं के सीधे प्रसारण के फैसले पर खुशी व्यक्त की गई। इस मौके पर पौड़ी जिले के प्रारंभिक शिक्षा जिला शिक्षा अधिकारी कुंवर सिंह रावत ने कुछ विद्यालयों में मानक से अधिक कार्यरत शिक्षकों को अधिक छात्रसंख्या वाले विद्यालयों में समायोजित करने पर जोर दिया।शिक्षा मंत्री ने कहा कि चालू माह जुलाई में उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षाओं का रिजल्ट घोषित किया जाएगा। बोर्ड अधिकारियों को जल्द रिजल्ट घोषित करने के तैयारी करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। सीबीएसई की तर्ज पर उत्तराखंड बोर्ड के विद्यालयों में भी सालभर में दो बार परीक्षाएं कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना जैसी परिस्थितियों में बच्चों का मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी।उन्होंने बताया कि कक्षा एक से पांचवीं तक बच्चों की पढ़ाई की वस्तुस्थिति जानने को शिक्षकों को विद्यालयों के आसपास के गांवों में जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में पढ़ाई की व्यवस्था है। इस पर अमल किया जाएगा। बैठक में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी व समग्र शिक्षा अभियान अपर राज्य परियोजना निदेशक डा मुकुल कुमार सती भी मौजूद रहे।

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