धर्मपुर विधायक विनोद चलोली ने कहा कि आयुष्मान योजना सभी अस्पतालों के लिए अनिवार्य की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना जब चरम पर था और मरीज बेड व आक्सीजन के लिए जूझ रहे थे, पता चला कि कई अस्पताल आयुष्मान से जुडे ही नहीं हैं। यानी सेवाभाव नहीं, वह व्यावसायिक दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं। आयुष्मान योजना के पैकेज में कुछ की दरें कम हो सकती हैं, पर इन खामियों को भी दूर किया जाएगा। ऐसे में व्यवस्था की जाए कि जो भी अस्पताल राज्य में खुले वह आयुष्मान से जरूर जुडें। वह उत्तराखंड में सिर्फ व्यवसाय न करें, बल्कि सेवा भी करें।इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, महापौर सुनील उनियाल गामा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कै अध्यक्ष डीके कोटिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र चौहान समेत तमाम सरकारी व निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।