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उत्तराखंड के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए 370 आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नए पदों को स्वीकृति दे दी है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को गांव तक पहुंचाने के लिए पंचायत स्तर पर आशा कार्यकर्ता तैनात है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश में लगभग 390 आशाओं के नए पद सृजित करने की स्वीकृति दी है।सरकार का मानना है कि आशाओं की नियुक्ति से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच होगी। वर्तमान में प्रदेश में 11 हजार आशा कार्यकर्ता और 550 आशा फेसिलिटेटर तैनात है।
आशाओं का मुख्य कार्य जन्म-मृत्यु पंजीकरण, गर्भवती महिला और शिशुओं का टीकाकरण, संक्रमित रोगों व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के जागरूकता और गर्भवती महिला को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करना है। गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं व योजनाओं के प्रचार प्रसार में आशा कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।अपर सचिव एवं मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन युगल किशोर पंत का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में आशा कार्यकर्ता एक फेसिलिटेटर के रूप में कार्य करती है। आशाओं के नए पदों की स्वीकृति मिलने से पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों का स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।