उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 में संशोधन करने से निजी भूमि से पेड़ काटने पर अब जेल नहीं होगी।

निजी भूमि पर खड़े पड़ों को काटने के बाद वन विभाग की ओर से केस दर्ज कराया जाता है। केस की सुनवाई सिविल जज की कोर्ट में होती है। कानून में संशोधन के बाद ऐसे मामलों की सुनवाई प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) स्तर पर हो सकेगी। आरोपी के संतुष्ट न होने पर वन संरक्षक स्तर
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