उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में हो रहे बजट सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पहाड की जनता को एक और बडा तोहफा दे दिया है.ग्रीष्मकालीन राजधानी कीवर्षगांठ पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंणकोनई कमिश्नरी बनाने कीघोषणा की। प्रदेश की इस तीसरी कमिश्नरी में चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले शामिल होंगे। कमिश्नरी का मुख्यालय गैरसैंण में होगा। इसके साथ ही गैरसैंण के विकास के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लॉन का टेंडर एक महीने के भीतर कर दिया जाएगा। सीएम की इस घोषणा परसदन ने मेज थपथपाकर स्वागत किया।एसा ही नजारा ठीक एक वर्ष पहले उस वक्त देखने को मिला था जब त्रिवेंद्र ने गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनानेे की घोषणा की थी.
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर जनता की भावनाओं का सम्मान कर उनका दिल जीता है .जो अकसर गैरसैण के नाम पर राजनीति करते है उनके लिये भी ये एक सबक है .गैरसैण कोनई कमिश्नरी घोषित करते वक्त त्रिवेंद्र के चेहरे पर ठीक एक साल पहले वाला जोश दिख रहा था.इस बार भी उनके अंदाज ने सभी को चौंकाया। पिछले साल चार मार्च 2020 को भी सीएम ने बजट पेश करने बाद गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी।बजट भाषण पूरा करने के बाद सीएम ने कहा कि मैं अब तीन विशेष घोषणा करना चाहता हूं। जैसे ही उन्होंने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा की भाजपा विधायकों ने स्वागत करते हुए मेज थपथपा कर पूरे सदन को गुंजा दिया।गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नरी के दो-दो जिलों को हटाते हुए नई कमिश्नरी का गठन किया जाएगा। सीएम ने कहा कि गैरसैंण के विकास के लिए मास्टर प्लॉन बनाया जा रहा है। ठीक एक महीने के भीतर ही इसके टेंडर कर दिए जाएंगे। तीसरी घोषणा के रूप में सीएम ने कहा कि नई बनने वाली पंचायतों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक-एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।प्रशासनिक दायरे के लिहाज से गैरसैंण कमिश्नरी का आकार कुमाऊं कमिश्नरी के समान होगा। वर्तमान में कुमाऊं कमिनरी में छह जिले थे। अल्मोडा और बागेश्वर के कटने से इनकी संख्या अब चार रह गई है। सात जिले वाली गढ़वाल कमिश्नरी से भी दो जिले हटाकर गैरसैंण कमिश्नरी में शामिल किए गए हैं। जिलों की संख्या के लिहाज से अब पांच जिलों के साथ गढ़वाल कमिश्नरी अब भी राज्य की सबसे बडी कमिश्नरी होगी।बहरहाल त्रिवेंद्र के इस मास्टर स्ट्रोक ने उनके विरोधियों को चित्त कर दिया है.