उत्तराखंड में दलबदल की राजनीति से एक विचित्र माहौल बन रहा है। विरोधी पार्टियों के नेताओं को तोड़ने की कवायद के बीच, जहां पार्टियों के भीतर उथल पुथल मची हुई है, वहीं पहले दलबदल कर चुके नेता एक बार फिर पलटी मारने का दबाव बनाने की सियासत में जुट गए हैं। पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हरक सिंह रावत का ताज़ा बयान इस संदर्भ में काफी अहम् माना जा रहा है।
हरक सिंह रावत ने एक बयान देकर खलबली पैदा कर दी है। जहां यशपाल आर्य का प्रभाव कुमाऊं अंचल की करीब 20 विधानसभा सीटों पर माना जाता है, वहीं हरक सिंह रावत ने खुद यह दावा करने वाला बयान दे दिया है कि उनका प्रभाव पूरे प्रदेश में है। कम से कम 30 सीटों पर अपने प्रभाव का दावा करने वाले हरक सिंह रावत के बयान के बाद अब बीजेपी डैमैज कंट्रोल की बातें भी कह रही है।
हरक सिंह रावत ने साफ शब्दों में कह दिया है कि गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कम से कम 30 सीटों को वह प्रभावित करते रहे हैं.रावत ने कहा, ‘पौड़ी गढ़वाल की 6 सीटों पर मैं प्रतिनिधित्व करता रहा हूं। रुद्रप्रयाग और कर्णप्रयाग में तहसीलें मैंने बनवाई हैं। बागेश्वर को ज़िला मैंने बनवाया.’ कुल मिलाकर पूरे प्रदेश में अपने प्रभाव के दावा करने वाले इस बयान के बाद रावत को लेकर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है।