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वन रावतों को कोरोना की वेक्सीन नही लगाए जाने सम्बन्धित पत्र का हाइकोर्ट ने लिया स्वतः

वन रावतों को कोरोना की वेक्सीन नही लगाए जाने सम्बन्धित पत्र का हाइकोर्ट ने लिया स्वतः

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के वन रावतों को कोरोना की वेक्सीन नही लगाए जाने सम्बन्धित पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए दो सप्ताह में प्रति शपथपत्र पेश करने को कहा है।मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता सुहास रतन जोशी ने एक समाचार पत्र की खबर पढ़कर मुख्य न्यायधीश को एक पत्र लिखकर कहा था कि कोरोना के समय राज्य में अपना अस्तित्व खो रही वन रावतों को कोरोना की वेक्सीन अभी तक नही लगी है। वन रावत आर्थिक, समाजिक, शिक्षा से बहुत पिछड़े है जिसके कारण इनको अभी तक कोरोना वेक्सीन का टीका नही लग पाया है । वेक्सीन लगाने हेतु रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है इनके पास मोबाइल नही है जिनके पास है भी तो वे स्मार्ट फोन नही है जिस कारण ये अपना रजिस्ट्रेशन नही कर पा रहे है। सरकार ने इनको वेक्सीन लगाने हेतु कोई पहल अभी तक नही की है।

पूर्व में कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से इसमे जवाब पेश करने को कहा था साथ मे यह भी पूछा था कि इनकी संख्या कितनी है। जिस पर उनकी तरफ से आज शपथपत्र पेस कर कहा गया है कि प्रदेश में वन रावतों की संख्या लगभग एक हजार के आसपास है जिसमे से 90 प्रतिशत लोगो को वेक्सीन लग चुकी है करीब सौ लोग अभी हिमालय की तरफ चले गए है अकटुबर तक जब ये नीचे आ जायेंगे तो उनको भी वेक्सीन लगा दी जायेगी।

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