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ऐतिहासिक झंडे जी का आरोहरण आज , देश-विदेश से पहुंचे करीब 20 हजार श्रद्धालु, लगा जाम

ऐतिहासिक झंडे जी का आरोहरण आज , देश-विदेश से पहुंचे करीब 20 हजार श्रद्धालु, लगा जाम

प्रेम, सद्भावना, भाईचारे, मानवता, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक झंडेजी मेले का सोमवार से आगाज हो गया। सुबह करीब छह बजे से विशेष पूजा-अर्चना का दौर शुरू हुआ। जिसके बाद पुराने झंडेजी को विधि-विधान से उतारकर पुराने गिलाफ हटाए गए। नए झंडेजी को गाय के दूध, दही, घी, मक्खन, गोमूत्र, गंगाजल से स्नान कराया गया। दोपहर से शाम तक झंडेजी पर गिलाफ चढ़ाया जाएगा। मेले में पहले दिन सुबह 10 बजे तक 20 हजार श्रद्धालु मौजूद रहे। वहीं झंडेजी मेले के चलते सहारनपुर रोड में जाम लगा रहा। दरबार साहिब समिति की ओर से सात बड़े लंगर का आयोजन किया गया है। जबकि शहर भर में विभिन्न जगह छोटे-छोटे लंगर लगाए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर दरबार साहिब के चारों ओर पुलिस का कड़ा पहरा है।
श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेंद्र दास महाराज जी हजारों संगतों की मौजूदगी में शाम पांच बजे झंडेजी का आरोहण करेंगे। देश-विदेश से पहुंची हजारों संगतें इस पावन बेला की साक्षी बनेंगी। श्री दरबार साहिब, झंडेजी मेला प्रबंधन समिति ने मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। महंत देवेंद्र दास महाराज ने मेले की पूर्व संध्या पर रविवार को संगतों को गुरुमंत्र दिया। गुरुमंत्र को आत्मसात करते हुए संगतों ने झंडे साहिब और गुरु महाराज का आशीर्वाद लिया। वहीं एक माह चलने वाले इस मेले में करीब 10 लाख श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है।
देहरादून के संस्थापक हैं श्री गुरु रामराय जी महाराज
झंडेजी मेले का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। श्री गुरु रामराय महाराज जी का देहरादून आगमन 1676 में हुआ था। गुरु महाराज जी ने श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए एक विशाल झंडा लगाकर लोगों को इस ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया था। इसके साथ ही श्री झंडा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हुई। श्री गुरु रामराय महाराज को देहरादून का संस्थापक कहा जाता है। श्री गुरु रामराय महाराज जी सिखों के सातवें गुरु गुरु हरराय के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनका जन्म होली के पांचवें दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर (अब रोपड़) के कीरतपुर गांव में हुआ था।
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